tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post368023563484368825..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: खम्म दा कां ..संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-69204431134980099842022-06-02T06:55:15.406+05:302022-06-02T06:55:15.406+05:30Hello Admin Sir,
Your Work Is so impressive and I...Hello Admin Sir, <br />Your Work Is so impressive and I am very impressed, I am daily visiter your website and I share your article every plateform.<br />Your article <a href="https://www.rdskendra.online/2022/06/csc-bijli-bill-ekmusht-samadhan-yojana.html" rel="nofollow">CSC Bijli Bill Ekmusht Samadhan Yojana 2022</a> I send whatsapp , facebook , Instagram , and other social media plateform.Trisha Kr Madhuhttps://www.blogger.com/profile/10738000862137999227noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26624934086924031102014-01-17T21:15:49.299+05:302014-01-17T21:15:49.299+05:30संयोग तो संयोग से ही होते है.... संयोग तो संयोग से ही होते है.... लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-7520251070008188592013-12-27T16:48:02.088+05:302013-12-27T16:48:02.088+05:30तुसी ग्रेट हो जी..तुसी ग्रेट हो जी..राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-48641767731060424372013-12-25T19:46:14.693+05:302013-12-25T19:46:14.693+05:30एक बार आपकी पोस्ट को पढ़कर मैने लिखा था कि शब्द आप...एक बार आपकी पोस्ट को पढ़कर मैने लिखा था कि शब्द आपकी पोस्ट में ऐसे खिलते चले जाते हैं जैसे भड़भूजे की कड़ाही पर जुनरी फूटती चली जाती है। अब इसे तिल का ताड़ बनाना कहें या कुछ और ..मुझे लगता है आपको समय मिले तो जब चाहेँ ऐसी पोस्ट लिख सकते हैं।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-27872952586864604532013-12-25T11:44:34.410+05:302013-12-25T11:44:34.410+05:30आपको क्या पता बिगड़े साउंड सिस्टम वाले को सुनाने मे...आपको क्या पता बिगड़े साउंड सिस्टम वाले को सुनाने मे कितना मजा आता है ...:-DArchana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-62382893875631698522013-12-24T16:36:11.478+05:302013-12-24T16:36:11.478+05:30संजय बाऊ..बस असी ते टीप ते टीप कर के जा रहे हैं......संजय बाऊ..बस असी ते टीप ते टीप कर के जा रहे हैं...<br /><br />@उम्मीद में आये थे कि आप सीधा सीधा लिखेंगे और हम खुल कर बात करेंगे ताकि पोस्ट में लिखे विषय से अलग बहस करने पर को ई ये इल्जाम न लगाये <br /><br />बाकी आपके सीधा सीधा लिखने की कोशिश को मैं दिल से निकाल चूका हूँ, :) दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-10072983917226340532013-12-23T22:26:35.224+05:302013-12-23T22:26:35.224+05:30उम्मीद से रहिये, छोड़िये मत:) सही मौके पर मौका अवश...उम्मीद से रहिये, छोड़िये मत:) सही मौके पर मौका अवश्य मिलेगा, वो भी बिना इल्ज़ाम के। ऐसी की तैसी करियेगा जरूर:)<br />जब तक ’आआपा’ अच्छे काम करते दिखेगी, अपनी गिनती सीधी ही चलेगी। विचलन या पाखंड जाहिर होते ही आ जायेगी अपनी पोस्ट, फ़िर कर लीजियेगा ’आप’ भी अपने मन की। हमारी तो देखी जायेगी..संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-29774660336916674662013-12-23T22:22:14.370+05:302013-12-23T22:22:14.370+05:30पूर्णता अपूर्णता दोनों का अपना सुख है न!पूर्णता अपूर्णता दोनों का अपना सुख है न!संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-21967296761424944862013-12-23T22:21:16.234+05:302013-12-23T22:21:16.234+05:30सिर्फ़ आपसे ही नहीं, हर कोई जो मिलता है तो कोई न को...सिर्फ़ आपसे ही नहीं, हर कोई जो मिलता है तो कोई न कोई नाता तो है ही।<br /><br />आपको लगता है कि मैं सुनकर सलाह देने वाला हूँ? मेरा तो साऊंड सिस्टम\ऑडियो सिस्टम ही कब से बिगड़ा हुआ है:) ’इंतज़ार’ वाली बात खूब याद दिलाई, वो मेरी पहली ऐसी कृति थी जो एक ख्वाब से शुरू हुई थी और अंत तक ऐसी चली जैसे किसी ने आर्डर देकर लिखवाई हो। लेकिन उस संयोग की बात मेरे सिवा सिर्फ़ उसे पता है, जिसने ख्वाब में आर्डर दिया था। संयोग वो भी तगड़ा ही था:) आपने, सलिल भैया ने और पद्म सिंह्जी ने उसमें रंग भरकर नया रूप दे दिया था, मेरे लिय वो सरप्राईज़ ही था। सबका बहुत बहुत आभार।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-60367847285063928392013-12-23T22:13:42.188+05:302013-12-23T22:13:42.188+05:30अजित दी,
सज्जन ने बखूबी संभाला मुझे, संभालना ही थ...अजित दी,<br /><br />सज्जन ने बखूबी संभाला मुझे, संभालना ही था। संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-16829560698758712962013-12-23T22:12:02.624+05:302013-12-23T22:12:02.624+05:30सलिल भैया,
आपका कमेंट हमेशा एक नया आयाम देता है, श...सलिल भैया,<br />आपका कमेंट हमेशा एक नया आयाम देता है, शुक्रिया तो खैर मैं कहने से रहा :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-88128865299992087092013-12-23T22:10:43.244+05:302013-12-23T22:10:43.244+05:30 जितनी अंधेरी रात उतनी ही लाईट की महत्ता। जितनी अंधेरी रात उतनी ही लाईट की महत्ता।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-68520155614050176732013-12-23T22:09:27.902+05:302013-12-23T22:09:27.902+05:30अरविंद जी, आपकी समझ वाली घड़ी खम्मा फ़िर नजदीक है, म...अरविंद जी, आपकी समझ वाली घड़ी खम्मा फ़िर नजदीक है, मेरा पांच साल का भतीजा घणी खम्मा को खड़ी खम्मा बोलता है:)<br />सर, मैं बिल्कुल यह तज़वीज़ नहीं करूंगा कि मान ही लीजिये। मानने न मानने का विकल्प खुला रखना भी अपने आप में हठधर्मिता न होने का लक्षण है, खुले दिल से आपकी इस फ़्लेक्सिबिलिटी का स्वागत करता हूँ।<br /><br />सलिल भाई,<br />ये ’बाबाजी के ठुल्लू’ की शुरुआत कहाँ से हुई, मौका लगे तो बताईयेगा!!संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-60814827941874117272013-12-23T21:28:47.054+05:302013-12-23T21:28:47.054+05:30संयोग हमारे अनचाहे भी हमसे जुड़ते ही हैं। कई बार ...संयोग हमारे अनचाहे भी हमसे जुड़ते ही हैं। कई बार एहसास किया है !<br />आपके संस्मरण बताते हैं कि बहुत लोगों के साथ है ये एहसास !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-68602154064540305152013-12-23T13:18:21.925+05:302013-12-23T13:18:21.925+05:30बहुत ध्यान से पढ़ा आप की पोस्ट लेकिन आप की ही तरह ...<br />बहुत ध्यान से पढ़ा आप की पोस्ट लेकिन आप की ही तरह हम भी लाइनो के बिच छुपा कर लिखी गई बाते कई बार नहीं पढ़ पाते है , उम्मीद में आये थे कि आप सीधा सीधा लिखेंगे और हम खुल कर बात करेंगे ताकि पोस्ट में लिखे विषय से अलग बहस करने पर को ई ये इल्जाम न लगाये की हमने तो उनकी पोस्ट की "ऐसी की तैसी कर दी " :) किन्तु पढने के बाद ये कुछ कुछ समझ आ रहा है की आप नई जगह, नई नौकरी, नये दोस्तों की चकाचौंध में मगन होने वाले व्यक्ति है और उस विषय को भूल गए है किसी दिन अचानक किसी ट्रक कि लाईट पड़ेगी तो आप उस विषय में लिखेंगे तब तक मुझे इंतज़ार करना चाहिए , लेकिन याद रखियेगा की ट्रक की रोशनी देखने के लिए सड़क पर आना होगा घर में बैठे रहेंगे तो कैसे देखेंगे , तो खुदा करे की राम जी भी करे की आप घर से बाहर आये ( क़यामत नहीं , इतनी सी बात के लिए क़यामत न बुलाऊंगी ) और कोई ट्रक गुजरे और आप को वो विषय याद आये और हम मिल कर आप हम तुम सब कि ऐसी की तैसी करे :)))<br />अब तो आप को मौका जल्द ही मिलने वाला है आप की इच्छानुसार "आप " सरकार बनने जा रही है , उसकी उलटी गिनती शुरू कर दीजिये :)anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-45613709825867374822013-12-23T12:28:24.409+05:302013-12-23T12:28:24.409+05:30................
जय बाबा बनारस ....................<br /><br />जय बाबा बनारस ....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-73946751153507402062013-12-23T11:02:39.203+05:302013-12-23T11:02:39.203+05:30यह प्रश्न मेरा भी है महाराज ,
तुसी खम्म दा कां बना...यह प्रश्न मेरा भी है महाराज ,<br />तुसी खम्म दा कां बनाने में माहिर हो !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-76686893814882179492013-12-23T10:39:46.661+05:302013-12-23T10:39:46.661+05:30ब्लॉग का नाम अब पूरा हुआ .... गिरिजेश जी ...से समझ...ब्लॉग का नाम अब पूरा हुआ .... गिरिजेश जी ...से समझा मैंने भी .... :- )Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-73481306378659932262013-12-23T10:03:02.004+05:302013-12-23T10:03:02.004+05:30हाँ होते हैं संयोग , और ऐसे ही नहीं होते ... मेरा ...हाँ होते हैं संयोग , और ऐसे ही नहीं होते ... मेरा आड़ा-तेड़ा गाकर आपको और सलिल भैया को सुनाना...सलिल भैया से बातचीत मे ही (बिना मिले ही) बड़े भैया बन जाना ... मेरे समधी जी से मुझसे पहले भेंट कर लेना .... ..फिर हम तीनों का "इंतजार" मेरे साथ छोटू का जुड़ना ..मेरा माताजी और भाभी से मिलकर आना ...भैया से मिले बगैर....<br />अरे! ये तो सिर्फ़ एक नमूना भर है ...... <br />और हाँ जरा याद करियेगा तो आपका और मेरा दूर-दूर का कोई रिश्ता -नाता तो नहीं कहीं .... :-) Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-66008570727597735472013-12-23T09:12:00.589+05:302013-12-23T09:12:00.589+05:30जिन सज्जन का जिक्र किया था, उनका क्या हुआ? यहां ...जिन सज्जन का जिक्र किया था, उनका क्या हुआ? यहां तो कौवा ही उड़ गया लगता है। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-6269840059295514252013-12-23T07:24:23.729+05:302013-12-23T07:24:23.729+05:30कहने कि कला को शायद किस्सा गोई कहे जाएँ , आपने लिख...कहने कि कला को शायद किस्सा गोई कहे जाएँ , आपने लिखकर सकेतों को भी नाम दे दिया , ये भी तरीका है समझने का इसे आप यह न समझें , जैसे पोलिस लिखती है इसे न पढ़ें भैया जी सुप्रभात संग प्रणाम हैम भी पूरी बात अपने आप के हिसाब से समझे Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-70171606467518777802013-12-22T22:58:18.066+05:302013-12-22T22:58:18.066+05:30अच्छा उदाहरण दे कर समझाया मुहावरा...अच्छा उदाहरण दे कर समझाया मुहावरा...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-67200240874323486352013-12-22T21:38:56.960+05:302013-12-22T21:38:56.960+05:30संजय बाउजी!! बात का बतंगड़ हो या तिल का ताड़, या हो ...संजय बाउजी!! बात का बतंगड़ हो या तिल का ताड़, या हो राई का परबत या पूज्य बाबूजी के मुताबिक पंख का कौवा... सारा हिन्दुस्तान जब सोमवार से शुक्रवार से वही देखकर मस्त है, तो आपकी बातें तो सौ टका सच्ची हैं!! और मैं तो इतनी सारी घटनाओं से इतनी बार गुज़र चुका हूँ कि कई अपने लोग वे खुदरा किस्से सुनकर धीरे से व्हिस्पर करते हैं - अच्छी कहानियाँ गढ़ लेते हो आप!! <br />संजोग अगर होते नहीं तो इस शब्द को कौन जानता कि हमारे शब्दकोष में है भी या नहीं.. होते हैं तभी तो है यह शब्द.. अच्छा लगा... सॉरी अच्छे लगे उस खूबसूरत कौवे के कुछ पंख जो आपने आज यहाँ बतौर बानगी साझा किये!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-66455778349754935382013-12-22T21:32:50.240+05:302013-12-22T21:32:50.240+05:30पण्डित जी कई बार हम अपना पूरा जीवन किसी बात को गलत...पण्डित जी कई बार हम अपना पूरा जीवन किसी बात को गलत साबित करने में लगा देते हैं.. और साबित कर भी लें तो मिलता कुछ नहीं 'बाबा जी के ठुल्लू' के सिवा... इससे अच्छा तो मान लेते, कम से कम टाइम खोटी तो नहीं होता!! <br />अपुन तो संजोग पर बड़ा स्ट्रॉंगली बिलीव करते हैं!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-62330346576961045952013-12-22T20:17:17.171+05:302013-12-22T20:17:17.171+05:30चार मिंट दी हेडलाइट फेर अंधेरी रात ...
चार मिंट दी हेडलाइट फेर अंधेरी रात ...<br />Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com