tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post404342260151525355..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: चाच्चा बैल....(दो)संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-65353828063683467862013-08-29T12:52:54.096+05:302013-08-29T12:52:54.096+05:30चलो शुक्र है, उनको मतलब भर का 'गम' मिल गया...चलो शुक्र है, उनको मतलब भर का 'गम' मिल गया..... :)दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-34277290036238651222013-08-29T05:52:17.117+05:302013-08-29T05:52:17.117+05:30खून न बढ़ता होता तो इतनी बातें होती ही नहीं, वो भी...खून न बढ़ता होता तो इतनी बातें होती ही नहीं, वो भी ऐसी चुहल को एंजाय करते थे।<br /><br />ऐसे तमाशबीनों पर कोई भी गर्व कर सकता है भाई।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-24006570823980791062013-08-29T05:41:36.099+05:302013-08-29T05:41:36.099+05:30आभार स्वीकार करें वाणी जी।आभार स्वीकार करें वाणी जी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-17725102009718658202013-08-29T05:40:19.456+05:302013-08-29T05:40:19.456+05:30सिर्फ़ छह लाईनें अनवांटेड...बहुत नाईंसाफ़ी है सरका...सिर्फ़ छह लाईनें अनवांटेड...बहुत नाईंसाफ़ी है सरकार :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-60664991698490401422013-08-29T05:39:13.231+05:302013-08-29T05:39:13.231+05:30अति साधारण? हम क्या जानते नहीं हैं आपको, हाँ नहीं...अति साधारण? हम क्या जानते नहीं हैं आपको, हाँ नहीं तो :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-6295232594050159232013-08-29T05:37:39.143+05:302013-08-29T05:37:39.143+05:30आदरणीया,
हम आपको उत्तम श्रेणी में मानते हैं।
धन्य...आदरणीया,<br />हम आपको उत्तम श्रेणी में मानते हैं। <br />धन्यवाद।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-36631387645149723892013-08-29T05:36:31.396+05:302013-08-29T05:36:31.396+05:30गम वाली बात पर एक दूसरी ही बात याद आ गई -
एक हमार...गम वाली बात पर एक दूसरी ही बात याद आ गई - <br />एक हमारी वीवीआईपी कस्टमर ने पूछा, "सर, गम है?"<br />मैं बहुत खुश होकर बोला, "बहुत हैं, आप बाँटेंगी?" <br />एकदम चिहुँककर बोली, "नहीं सर, वो वाला नहीं। फ़ोटो चिपकानी है मुझे तो।"<br />तब कहीं जाकर उनके मतलब का गम हमने दिया:)<br />संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-58807880426660887182013-08-29T05:20:59.807+05:302013-08-29T05:20:59.807+05:30वाह अनारकली, खुश कीत्ता :)वाह अनारकली, खुश कीत्ता :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26437097372116904262013-08-29T05:20:15.550+05:302013-08-29T05:20:15.550+05:30मंजूर है बहनजी।मंजूर है बहनजी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-91581656585200628252013-08-29T05:18:32.249+05:302013-08-29T05:18:32.249+05:30उन चचा का ये डायलाग भी याद रहने लायक है कुश भाई :)...उन चचा का ये डायलाग भी याद रहने लायक है कुश भाई :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-55786478793117335532013-08-27T23:38:29.192+05:302013-08-27T23:38:29.192+05:30हम्म!
चाचा interesting और भले आदमी थे, और इतनी सी ...हम्म!<br />चाचा interesting और भले आदमी थे, और इतनी सी अपनेपन वाली चुहल से खून भी बढ़ा ही होगा उनका ये तय है।<br />कुत्ते की भी अपनी बात है, अपना खून बहा के, सूखी हड्डी की जुगाली करके सबको मुफ्त का ठट्ठा तमाशा मुहैया करना सबके वश का कहाँ है? Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-22544418622177063632013-08-27T07:46:50.484+05:302013-08-27T07:46:50.484+05:30ओह ओह Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-40115034512153633732013-08-27T06:32:04.774+05:302013-08-27T06:32:04.774+05:30आपकी आत्मकथात्मक शैली रोचक होती ही है जो आस पास ...आपकी आत्मकथात्मक शैली रोचक होती ही है जो आस पास साधारण घटनाओं में भी रस भर देती है। <br />मगर कुत्ते की हड्डियों वाली बात हमको भी अखरी !! वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-86036640243822273552013-08-27T03:01:35.519+05:302013-08-27T03:01:35.519+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-420360995007270762013-08-27T01:22:00.632+05:302013-08-27T01:22:00.632+05:30oh !oh !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-4828501844680802632013-08-26T19:24:03.000+05:302013-08-26T19:24:03.000+05:30अपने अपने सफ़र हैं ...
कुछ याद रहे कुछ भूल गए ..अपने अपने सफ़र हैं ...<br />कुछ याद रहे कुछ भूल गए ..Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-39371392658472712512013-08-26T14:50:01.904+05:302013-08-26T14:50:01.904+05:30" प्रारभ्यते न खलु विघ्नभ्येन् नीचै:प्रारभ्य ... " प्रारभ्यते न खलु विघ्नभ्येन् नीचै:प्रारभ्य विघ्नविहता विरमन्ति मध्याः । विघ्नैः पुनः पुनरपि प्रतिहन्यमानाः प्रारभ्य च उत्तमजना न परित्यजन्ति ।" भतृहरि के अनुसार मैं भी मध्यम श्रेणी में हूँ । वहल चाचा को विनम्र श्रध्दाञ्जलि । " नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।"शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-17319557108985542952013-08-26T14:21:00.775+05:302013-08-26T14:21:00.775+05:30संजय बाऊ, जाना तो एक दिन सब को है, उसका कोई गम नही...संजय बाऊ, जाना तो एक दिन सब को है, उसका कोई गम नहीं... .श्रधान्जलियाँ है. <br /><br /><br />पर हड्डी वाली बात बढ़िया बताई. सभी को अपनी अपनी हिस्से की हड्डी मिली हुई है, चाहे उसमे गोश्त हो या नहीं हो. वही हड्डी संभल जाए गनीमत है... लोगबाग़ तो अपने हिस्से को अपने पैरों पर दबा... दुसरे की हड्डी पर निगाह रख रहे हैं... दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-61012178007171189692013-08-26T12:14:11.832+05:302013-08-26T12:14:11.832+05:30ये जिन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया प्यार ही मै...ये जिन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया प्यार ही मैं खो गया ...<br /><br />हम रहे या न रहे ...हमको हमारे बाद जमाना ढूडेगा .....<br /><br /><br />जय बाबा बनारस...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-13012989326622984122013-08-26T09:31:41.597+05:302013-08-26T09:31:41.597+05:30टिप्पणी अगली बारी पक्का ।
भैसा ( भाई साहब )टिप्पणी अगली बारी पक्का । <br />भैसा ( भाई साहब )anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-20082948850021920652013-08-26T09:29:09.939+05:302013-08-26T09:29:09.939+05:30बिलकुल सहमत । बिलकुल सहमत । anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-41481870726825692742013-08-26T09:13:09.445+05:302013-08-26T09:13:09.445+05:30’चचा बैल’ को परम शान्ति प्राप्त हो इस कामना के साथ...’चचा बैल’ को परम शान्ति प्राप्त हो इस कामना के साथ, मेरे पैत्रक गाँव के एक चचा याद आ गये, जब कभी किसी की भी देहावन की सूचना मिलती तो अनायास कह बैठते थे,"अरे जब चाचा नेहरू नहीं रहे तो फ़लाँ फ़लाँ की क्या बिसात...!"<br />अब पता नहीं यह उनका चाचा नेहरू से प्रगाढ प्रेम था या उनके दिल में बैठा सदमा..... खैर....!ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-19957732445191117192013-08-26T07:11:51.444+05:302013-08-26T07:11:51.444+05:30Khoob.aakhiri ki 6 line unwanted hain. :)
Khoob.aakhiri ki 6 line unwanted hain. :)<br /> अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-62091275891367216382013-08-26T02:13:21.432+05:302013-08-26T02:13:21.432+05:30जनाबे आली इतनी जल्दी पोस्ट देखते ही समझ गया कि आपन...जनाबे आली इतनी जल्दी पोस्ट देखते ही समझ गया कि आपने दुख को प्रगट कर दिया है..पर आपकी आखरी लाइनों से सहमत नहीं..आप अपने पर ज्यादती कर रहे हैं..जिंदगी में कई लोगो को सिर्फ खूश करने के लिए आप मजबूरी में हां कर देते हैं..पर उसे पूरा कर नहीं पाते....ऐसी बातें मलाल तो हो सकती हैं..पर यादाशात से निकली कुत्ते की वो सूखी हड़्डी नहीं होती जिसे आप भंभोड़ते हैं...रोजाना की हल्की फुल्की खुशी में इस तरह के दुख के टुकड़े कई बार चिपक जाते हैं ताकि आप खुशियों के आसमां में न उडे तो भी पांव जमीन पर ही टिके रहें। तो बड़े भाई इस छोटे भाई की बात मानिए और यादों के ऐसे टुकड़े पोस्ट के बहाने सहलाते रहें....ये टुकड़े कई यादों को संजोए रहते हैं...इसलिए ये कुते की सूखी हड़्डियां कतई नहीं हैं। Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26639220825637384282013-08-26T01:06:07.020+05:302013-08-26T01:06:07.020+05:30यादगार संस्मरण.... यादगार संस्मरण.... लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.com