tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post6876971719436697586..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: हिसाब चुकता!संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-46029888371851826362013-02-05T20:16:43.515+05:302013-02-05T20:16:43.515+05:30BAHUT KHOOB SANJAY BHAI SAHAB....!!!!BAHUT KHOOB SANJAY BHAI SAHAB....!!!!ATUL SEHGALnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-69739429756598105042010-12-07T10:07:49.955+05:302010-12-07T10:07:49.955+05:30देर से ही सही, सुझा रहा हूं, जोड़ दें- 'संस्क...देर से ही सही, सुझा रहा हूं, जोड़ दें- 'संस्कृति' या 'विमर्श' फिर यह गहन चिंतनपूर्ण, बौद्धिक, सामयिक सब एक साथ मान लिया जाएगा.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-69598490069910375082010-08-12T16:27:09.073+05:302010-08-12T16:27:09.073+05:30हा-हा-हा
"अपनी धो मेरी क्यों धो रहा है"
...हा-हा-हा<br />"अपनी धो मेरी क्यों धो रहा है"<br />बेहद मजेदार पोस्टअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-25947935476691156802010-04-13T12:53:52.589+05:302010-04-13T12:53:52.589+05:30बहुत गज़ब की पोस्ट है संजय भाई...अद्भुत!!बहुत गज़ब की पोस्ट है संजय भाई...अद्भुत!!Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-28693627172529015622010-04-12T04:56:06.964+05:302010-04-12T04:56:06.964+05:30बेहतरीन
निर्बाध गति से पढना पड़ा, इतना प्रभावी जो ...बेहतरीन <br />निर्बाध गति से पढना पड़ा, इतना प्रभावी जो लिखा है<br />गिरजेश राव जी से सहमत शीर्षक तो होना ही चाहिये था.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-67504986958006915582010-04-12T01:56:21.428+05:302010-04-12T01:56:21.428+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-54142845865193760162010-04-10T22:13:16.946+05:302010-04-10T22:13:16.946+05:30बहुत अच्छे। मेरे साथ साथ और सबकी भी अच्छी खबर ली ह...बहुत अच्छे। मेरे साथ साथ और सबकी भी अच्छी खबर ली है आपने। अच्छा सच बात यह है की मुझे भी पता नहीं पता था की पोस्ट किसी को समर्पित होने के बाद इतनी टिप्पणिया बटोर लेती है। शायद दुसरे लोग समझते होंगे की अगली पोस्ट उन्हें समर्पित हो जाएगी। लोगों के इतने कमेन्ट पाकर मैं भी चकित हो गया। वैसे इसमें विवादस्पद कुछ भी नहीं था ये तो बस एक छोटा सा मजाक था। अच्छा राव साहब के मशवरे पर भी थोडा ध्यान दीजियेगा और आगे से शीर्षक भी कुछ तडकता भड़कता सा रखियेगा खूब टिप्पणिया आयेंगी। <br />अब आप सच का सामना कीजिये। मैं आपकी लेखनी का कायल हूँ । आप का नजरिया एकदम विशिष्ट है। ऐसे ही लिखते रहिये। आज का लेख पढ़कर भी हमेशा की तरह दिल खुश हो गया। और अंत में स्त्री पुरुष के संबंधो पर मेरे एक और लेख को झेलने के लिए अपने आप को तैयार कर लीजिये। भाई मैं तो नहीं सुधारूँगा और उल्टा सीधा लिखता ही रहूँगा ।VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-75776751954445696862010-04-10T21:40:28.217+05:302010-04-10T21:40:28.217+05:30वाह दोस्त, क्या सच्ची बात कही और वो भी "सच-सच...वाह दोस्त, क्या सच्ची बात कही और वो भी "सच-सच"!<br />आप को परवाह नही करनी चाहिये,क्यो कि,<br /><br />"वो होगें और ’इल्म के सौदागर’ जो डरते है रुसवाई से,<br />मै ज़ूनूनी हूं ज़माने के चलन तोड के कह देता हूं."<br /><br />सुन्दर भाव, सुन्दर प्रस्तुति!ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-35996886175975908762010-04-10T21:24:53.581+05:302010-04-10T21:24:53.581+05:30यह गीत शायद 'हक़ीकत' फिल्म का है। सुन नहीं...यह गीत शायद 'हक़ीकत' फिल्म का है। सुन नहीं पा रहा लेकिन मुझे बहुत पसन्द है। <br /><br />आप से थोड़ी असहमति है - नारी स्वतंत्रता का विषय थोड़ा कम प्राचीन है, यही कोई हजार एक बरस :) <br /><br />विषय तो बहुत अच्छा चुना आप ने और निभाया भी बहुत अच्छे तरीके से ( धुलाई वाला प्रकरण तो बमफाट है ) लेकिन अब इस पोस्ट को शीर्षक ही नहीं दिए तो कैसे लोग आएँगे और कैसे टिप्पणियों की संख्या में वृद्धि होगी ? 'मो सम कौन' पर कौन आएगा। मैं 'धूत कहौ अवधूत कहौ' शीर्षक से पोस्ट कर भुगत चुका हूँ - कुल जमा 5 टिप्पणियाँ ! <br />शीर्षक कुछ ऐसा होना चाहिए था - "तुम मेरी क्यों धो रहा है?" या " नारी, धर्म और धुलाई" .. अब क्या चूक गए । <br />अब तो एग्रीगेटर शीर्षक दिखाने से रहे। <br />"अब पछताए होत क्या जब गदहा चर गया खेत" ( Courtesy : भोजपुरी कहावत काहें गदहा से जरि चरवातल?) - <br />अब चलूँ - चरने ;)गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com