tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post2182884660270158574..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: झेलो अब फ़िर से, नहीं मानते तो...........संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-48466030850677404762010-05-29T17:26:02.814+05:302010-05-29T17:26:02.814+05:30@ vats ji:
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पंडित जी महाराज,
क्यों हम...@ vats ji:<br />------------<br /><br />पंडित जी महाराज,<br />क्यों हमारी नई नई दुकानदारी पर नजर लगा रहे हो जी? अब सारी सच्ची बातें पब्लिक में थोड़े ही कही जाती हैं। जगरांव और लुधियाना में दूरी कुछ भी नहीं है जी, आता हूं चैक करवाने किसी दिन(रामलाल का गाजर पाक मशहूर है, लेकर आता हूं आपकी फ़ीस के रूप में, बस सर्दियों तक रुक जाओ। गवाही तो मेरी हक में देनी ही है आपने। <br />महाराज, आपके दर्शन जरूर करने हैं यहां से वापिस जाने से पहले।<br />फ़ोन नम्बर बदलो तो जरूर प्रोफ़ाईल में अपडॆट कर लेना :))<br />होता हूं प्रकट किसी दिन, पहचान तो लोगे?संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-14545555566820915182010-05-28T22:48:03.491+05:302010-05-28T22:48:03.491+05:30हमें तो ये सारा किस्सा मनगडन्त लग रहा है..बिल्कुल ...हमें तो ये सारा किस्सा मनगडन्त लग रहा है..बिल्कुल झूठमझूठ..टौटली...सिर्फ टिप्पणियाँ बटोरने की खातिर.......विश्वास तभी कर पाएंगें जब वो सिर वाला निशान देख लेंगें..लेकिन उसके लिए पाँच सात साल का इन्तजार करना भी हमारे बस की बात नहीं....जगराओं और लुधियाना मे कित्ता फर्क है. कभी चैक करा जाईयेगा..घूमते घामते :-)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-25429733181466570282010-05-28T13:58:44.886+05:302010-05-28T13:58:44.886+05:30झेल लिया जी और आगे भी झेलते रहेंगें।
मजा आ गया ना ...झेल लिया जी और आगे भी झेलते रहेंगें।<br />मजा आ गया ना लट्ठ खाके, और पिलाओ कोल्ड ड्रिंक<br />गजल के लिये धन्यवादअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-49476959657516259802010-05-28T11:41:59.103+05:302010-05-28T11:41:59.103+05:30Wah! Wah! Kya khoob ghumaya..sir chakra gaya!Wah! Wah! Kya khoob ghumaya..sir chakra gaya!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-5834073462458875632010-05-28T11:15:21.263+05:302010-05-28T11:15:21.263+05:30एक गली में एक ही रहेगा ,,,बड़े भाई ,,हमें लट्ठ मत ...एक गली में एक ही रहेगा ,,,बड़े भाई ,,हमें लट्ठ मत मार दियो ,,हम तो वैसे भी कभी-कभार {बिना बताये रोज़ } आपकी गली में आते है अब आ ही गए तो कुछ लिखे बिना जा नहीं सकते वरना पता लगा मोनिटर से निकड कर आपने हमारा माथा ,, फूटे तरबूज में बदल दिया ,,,,ज्यादा नहीं समझ पाए क्या कहना चाहते हो,,,पर जो भी पढ़ा ,,,तारीफ़ लायक था ,,बड़ा ही रोचक और आनंददायक ,,,ऐसी वकवास के तो हम कायल ही है ,,,हम भी वकवास खूब करते है ,,,,कभी हमें मिलो ,,कसम से ,,ऐसी दोस्ती होगी की ,,,,दोनों एक दुसरे की मिसाल देंगे ,,,,हिन्दी ब्लॉग के सभी धुरंदरो में आप हमें बहुत प्यारे हो ,,,,विचार भी बहुत मिलते है ,,,,कभी भूले भटके दोनों मिल गए तो ईमान से ' जोड़ी जमेगी दुनिया हँसेगी' ....बहुत दिलचस्प और वाक्शक्ति के धनी लगते होRahttps://www.blogger.com/profile/08726389437723424230noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-39813039443715953472010-05-28T09:59:14.669+05:302010-05-28T09:59:14.669+05:30"डिस्क्लेमर:- अगर ये सोच कर इधर पधार रहे हैं ..."डिस्क्लेमर:- अगर ये सोच कर इधर पधार रहे हैं कि कोई बड़ी साहित्यिक रचना पढ़ने को मिलेगी, तो हुज़ूर हमें बस यही कहना है कि ’हमारे भरोसे न रहना कोई।’ "<br /><br />Disclaimer revoked !! :)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-23906611412597007262010-05-28T09:58:59.986+05:302010-05-28T09:58:59.986+05:30पता लगा...नमस्ते-नमस्ते खेलते-खेलते ही........ ह...पता लगा...नमस्ते-नमस्ते खेलते-खेलते ही........ हो गया जी काम ....<br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-21283111467709762802010-05-28T09:54:48.837+05:302010-05-28T09:54:48.837+05:30सच्ची बात है जी...तो सम कौन.......
अरे लट्ठ खाकर ...सच्ची बात है जी...तो सम कौन.......<br /><br />अरे लट्ठ खाकर भी.......मतलब सर में लगवाकर...या मरवाकर जो भी यार.....<br /><br />वैसे हमारी नमस्ते दूर से ही....<br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-33840008204566379042010-05-28T09:11:19.068+05:302010-05-28T09:11:19.068+05:30’हमारे भरोसे न रहना कोई।’
न इस भरोसे आये थे, न...’हमारे भरोसे न रहना कोई।’ <br /><br /><br />न इस भरोसे आये थे, न ऐसे जा रहे हैं मगर फिर भी जाने क्यूँ, कुछ तो बात है, उसे क्या कहते हैं???Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-24846273605009778632010-05-28T06:41:46.353+05:302010-05-28T06:41:46.353+05:30बहुत बढ़िया किस्सा है ... मज़ा आ गया ...बहुत बढ़िया किस्सा है ... मज़ा आ गया ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-57308495515961337222010-05-28T05:50:42.314+05:302010-05-28T05:50:42.314+05:30क्या लट्ठ और क्या बिनलट्ठ......अपने को सब चलता है।...क्या लट्ठ और क्या बिनलट्ठ......अपने को सब चलता है। आप लिखे जाओ....मुझे भी यही लग रहा है कि वह भला आदमी केवल कोल्ड्रिंक की बोतल वापस करने आया था।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-40892931928176643492010-05-28T03:29:18.974+05:302010-05-28T03:29:18.974+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-58693305837518412202010-05-28T01:02:31.226+05:302010-05-28T01:02:31.226+05:30Welcome back!
बेफिक्र होके लगे रहो भाई. जिन्होंने ...Welcome back!<br />बेफिक्र होके लगे रहो भाई. जिन्होंने अब तलक झेला है वे आगे भी झेल्लेंगे. अब इत्ता इन्सिस्ट कर रहे हो तो बता रहे हैं [वरना तो चुप ही रहते हैं] झूठ तो बस लट्ठ में दीक्खे है. वो भला आदमी तो उस दिन कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल वापस करने आया था [सर आँखों पे]Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com