tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post2495419343460052238..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: पार्क. पेट दर्द और पुलिस - दूसरा बयान...।संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-4972633842401420132021-03-02T22:52:40.161+05:302021-03-02T22:52:40.161+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Jyoti awasthihttps://www.blogger.com/profile/10908971802823960765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-27856534493004032202021-03-02T22:52:13.891+05:302021-03-02T22:52:13.891+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Jyoti awasthihttps://www.blogger.com/profile/10908971802823960765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-70061740464240718822010-08-25T07:47:13.704+05:302010-08-25T07:47:13.704+05:30@ सलिल साहब:
हमारे कारण बहुत लोगों को शर्म झेलनी प...@ सलिल साहब:<br />हमारे कारण बहुत लोगों को शर्म झेलनी पड़ी है जी, आपका नाम भी शुमार कर लेते हैं। वैसे भी पिटते को चार और लग जायें तो कोई फ़र्क नहीं पड़ता।<br />आपका बहुत आभारी हूँ जी, आपकी एक्दम शुरुआती पोस्ट्स में(जब तक आपने आपका परिचय गोपन रखा था)अपने अनाड़ीपने के चलते हौंसला बढ़ाने जैसी कोई टिप्पणी दे आया था,जब आपका परिचय मिल गया तभी से अंदेशा था कि ये शर्म वाली बात कभी म कभी किसी न किसी रूप में सुननी होगी। हा हा हा<br />आभारी हूँ सर, अन्यथा मत लीजियेगा। बंदर के हाथ उस्तरा लगा है, अपना लिखा देखने में मजा आता है, अंट शंट लिखते हैं और जो कसर रह जाये उसे कमॆंट्स या प्रत्युत्तर में निकाल लेते हैं। शीयर थ्रिल, नथिंग एल्स।<br /><br />@ Mr.PK Singh:<br />पधारने का और सराहने का बहुत बहुत धन्यवाद जी।<br /><br />@ Coral:<br />शुक्रिया मिसेज सैल,इन्द्रनील जी को फ़त्तू की तरफ़ से नमस्ते कहियेगा। और आपके आने का शुक्रिया जी।<br /><br />@ वन्दना अवस्थी दुबे जी:<br />आपको भी रक्षा बन्धन पर्व की शुभकामनायें।<br /><br />@ Humming words publishers:<br />ha ha ha.<br /><br />@ वाणी गीत जी:<br />बहुत दिन बाद सुना जी ये ’हांसी विच फ़ांसी’, धन्यवाद।<br />@संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-9806010304880005782010-08-25T07:00:45.637+05:302010-08-25T07:00:45.637+05:30बड्डे बड्डे कम्मल करदे हो जी ...
हांसी विच फांसी छ...बड्डे बड्डे कम्मल करदे हो जी ...<br />हांसी विच फांसी छुपा कर ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-73601337148127425682010-08-24T18:41:40.848+05:302010-08-24T18:41:40.848+05:30आपकी टिप्पणी के लिए शुक्रिया !
इन्द्रनील अभी काम ...आपकी टिप्पणी के लिए शुक्रिया !<br /><br />इन्द्रनील अभी काम के सिलसिले में बाहर गए है!Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26206937609974593892010-08-24T15:01:59.332+05:302010-08-24T15:01:59.332+05:30majedar!
....bahut achha laga !majedar!<br />....bahut achha laga !HBMediahttps://www.blogger.com/profile/04747085073618372025noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-63240352332410719492010-08-24T08:30:56.701+05:302010-08-24T08:30:56.701+05:30आप के लिखने का इस्टाइल के त हम फैन हैं...हमको काहे...आप के लिखने का इस्टाइल के त हम फैन हैं...हमको काहे सर्मिंदा करते हैं...आपका आना बहुत अच्छा लगा...चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-67037953701034242382010-08-23T22:05:14.395+05:302010-08-23T22:05:14.395+05:30@ अदा जी:
हा हा हा, मजा आ गया।
इतनी जल्दी क्या थी...@ अदा जी:<br />हा हा हा, मजा आ गया। <br />इतनी जल्दी क्या थी जी क्लैरोफ़िकेशन देने की? एकाध दिन तो कान में फ़्यून्जन होने देना चाहिये था। क्या समझीं आप कि कल को मैं कोई बखेड़ा ही न खड़ा कर दूँ कि आपने एक बार एक टिप्पणी में मुझे ’याल’ कहा था। हा हा हा।<br /><br />बेफ़िक्र रहिये जी आप,आज तक तो पैर जमीन पर और सर कंधे पर रहा है।<br />अपनी पहुँच और काबिलियत के बारे में कोई मुगालता नहीं है जी मुझे। <br /><br />और भी ज्यादा भारी, सॉरी, आभारी हो गया हूँ। <br />वैसे एकाध दिन तो...हा हा हा।(अब जितना बिगड़ चुका हूँ, उतना तो रहूँगा ही, छेड़ाखानी प्रशिक्षण संस्थान से जुड़ा हूँ न।)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-38696773478177191802010-08-23T21:21:49.119+05:302010-08-23T21:21:49.119+05:30@ अदा जी:
देवी, आश्वस्त हुआ कि आपने पिछले कमेंट के...@ अदा जी:<br />देवी, आश्वस्त हुआ कि आपने पिछले कमेंट के मजाक को अन्यथा नहीं लिया। वैसे यहाँ मेरी कोई दुर्भावना थी भी नहीं। पुन: आभारी हूँ आपका।<br /><br />@ गिरिजेश राव जी:<br />गलती तो हो गई सर। आगे से ऐसा कुछ लिखा तो विशेष ध्यान रखूँगा।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-37193272962273622862010-08-23T21:18:48.094+05:302010-08-23T21:18:48.094+05:30अले छोली 'आप छम कोन' छाहब जी,
ग़लती छे मिछ...अले छोली 'आप छम कोन' छाहब जी,<br />ग़लती छे मिछ्तेक हो दया ''याल'' लिथ दिया...ये टोपी पेस्ट दा मामला हैगा जी....<br />तोई कन्फुसियन असी नहीं चांदे जी..ताईं वास्ते लिख रहे हन...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-50131464539748918952010-08-23T19:26:25.416+05:302010-08-23T19:26:25.416+05:30हँसते हँसते यहाँ तक पहुँचा हूँ।
महराज, पंजाबी का ...हँसते हँसते यहाँ तक पहुँचा हूँ। <br />महराज, पंजाबी का गर अनुवाद दे देते तो बढ़िया होता। मुझे कम आन्दी है।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-37657529165125519282010-08-23T19:22:13.291+05:302010-08-23T19:22:13.291+05:30अब हमाले लिए तुच्छ हो तो तहें...याल हंछ्ते हंछ्ते ...अब हमाले लिए तुच्छ हो तो तहें...याल हंछ्ते हंछ्ते हमाले बी ढिढ विच पील हुंदी है बोत ज्यादा...हा हा हा ..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-28498017287100740152010-08-23T17:53:10.641+05:302010-08-23T17:53:10.641+05:30@ दीपक मशाल:
जवान छोरा है, कर लेगा चुनौती को पार, ...@ दीपक मशाल:<br />जवान छोरा है, कर लेगा चुनौती को पार, हमें भरोसा है अपने याड़ी पर।<br /><br />@ राजेश उत्साही जी:<br />आभारी हूँ श्रीमान जी का।<br /><br />@ अविनाश:<br />माफ़ी काहे की भाई, मेरी तरफ़ से धन्यवाद बहुत सारा(पार्टी शार्टी लेना पसंद करोगे, इतनी तारीफ़ कर देते हो यार? :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-60948351429473352902010-08-23T17:15:54.578+05:302010-08-23T17:15:54.578+05:30" क्या मैं और हम सब ही ऐसे नहीं हैं कि जिस का..." क्या मैं और हम सब ही ऐसे नहीं हैं कि जिस काम का त्वरित लाभ न होता है, उसे करने में हमारे पेट में दर्द हो जाता है और जब कोई डर हो तो हमें कोई पेट का दर्द याद नहीं रहता? हम सब डंडे के ही यार नहीं हैं क्या?"<br />हैं सर जी, बेशक हैं. सच ही कहा आपने...बल्कि एक सटीक और साधा हुआ सन्देश दिया आपने..<br /><br />आपको सर नहीं चढ़ाया सर जी, आँखों बिठाया है लोगों ने. हँसी हँसी में कोई ऐसी बात यूँ ही तो नहीं कह पाता...आपका शिल्प तो है ही अच्छा और विनम्र तार जोड़ के सन्देश देना इसे और बेहतर बना गया...<br /><br />किसी ने कहा था...<br /><br />"The best comedy show is the one from where you leave the auditorium with few Kgs less from the heart and few drops less from your gloomy eyes."<br /><br />आपका संस्मरण ऐसा ही था आज....देर से आया,उसके लिए माफी...Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-73409530402171140142010-08-23T16:24:42.322+05:302010-08-23T16:24:42.322+05:30हम भी पढ़ चले।हम भी पढ़ चले।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-29865590613948132212010-08-23T05:16:00.023+05:302010-08-23T05:16:00.023+05:30सूरदास की लिखी पंक्तियों से चुराकर ’मो सम कौन..?’ ...सूरदास की लिखी पंक्तियों से चुराकर ’मो सम कौन..?’ रखा, यही मानता था कि अपने से सब ज्यादा पढ़े लिखे हैं समझ ही जायेंगे कि … का मतलब कुटिल, खल, कामी ही है। इससे कम कुटिलता और क्या होगी कि एक लाईन सूरदास की उड़ा ली, प्रोफ़ाईल में चचा गालिब की लिखी चीज डाल दी, और जब खुद लिखने बैठा तो अपनों का ही मजाक बनाने लगा। क्या मैं और हम सब ही ऐसे नहीं हैं कि जिस काम का त्वरित लाभ न होता है, उसे करने में हमारे पेट में दर्द हो जाता है और जब कोई डर हो तो हमें कोई पेट का दर्द याद नहीं रहता? हम सब डंडे के ही यार नहीं हैं क्या?<br />हंसी रुके तो कुछ कहूं मैं भी.. अभी तो रोकना ही बड़ी चुनौती हैगी जी...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-10019344557334613322010-08-22T12:11:07.499+05:302010-08-22T12:11:07.499+05:30@ सम्वेदना के सर:
वो ओल होंदे जी जो वापिछ दे देते ...@ सम्वेदना के सर:<br />वो ओल होंदे जी जो वापिछ दे देते होंदे लेतर. हम नहीं देंदे - कल्लो आपछे जो तिया जाये। <br /><br />@ boletobindas:<br />बॉस गुजरे तो सब इन्हीं राहों से हैं, कोई बता देता है कोई हंस देता है। खुशामदीद यारा, ते थैंक्यू वी।<br /><br />@ गोदियाल जी:<br />गोदियाल जी, गज़ब का सेंस ऑफ़ ह्यूमर है आपका भी। शुक्रिया सर।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-31165815000646283312010-08-22T08:35:07.073+05:302010-08-22T08:35:07.073+05:30हा-हा... थैंक गौड, जो आप दाहिनी तरफ़ भागे , मै तो ए...हा-हा... थैंक गौड, जो आप दाहिनी तरफ़ भागे , मै तो एक बारी पढ्ते-पढ्ते सिहर उठा था कि दक्षिण पन्थी महोदय कही कुछ उल्टा सीधा न कर बैठे क्योकि दक्षिण का आशय अक्सर नीचे की डाइरेकशन मे होता है :)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-3839069768905065832010-08-22T01:42:20.479+05:302010-08-22T01:42:20.479+05:30हाहाहाहा एक साथ कई चीजां दी याद दिला दित्ती यार है...हाहाहाहा एक साथ कई चीजां दी याद दिला दित्ती यार हैहैहहै घनाRohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-54974434342259827412010-08-22T01:03:41.484+05:302010-08-22T01:03:41.484+05:30ये तो बहुत बहुत बेइंसाफी है!! (गब्बर सिंह के साथिय...ये तो बहुत बहुत बेइंसाफी है!! (गब्बर सिंह के साथियों के साथ जो हुई थी उससे भी ज्यादा)... तारीफ हम करें और पता नहीं किसकी माँ की बदौलत आप खुश हो गए!! हमाला कमेंत वापिछ कलो!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-88611575234484051832010-08-21T23:28:28.389+05:302010-08-21T23:28:28.389+05:30@ अली साहब:
सही कह रहे हैं जी आप, लेकिन अली साहब, ...@ अली साहब:<br />सही कह रहे हैं जी आप, लेकिन अली साहब, अपन नहीं बदले। आज भी उतने ही बिगड़े हैं जितने शुरू में बिगड़ चुके थे।<br /><br />@ Coral:<br />thankx Mrs. Sail.<br /><br />@ सतीश पंचम जी:<br />हा हा हा, सतीश भाई। सही पहचान रखी मेरी डिब्बों के बाहर ? चलिये, अपनी पहचान तो बन रही है। शुक्रिया आपका।<br /> <br />@ महफ़ूज़ अली:<br />महफ़ूज़ भाई, आपकी पोस्ट कहाँ है भाई? मुझे भी तो तारीफ़ करने का मौका दो दोस्त।<br /><br />@ प्रवीण पाण्डेय जी:<br />ठीक कह रहे हैं सर, लेकिन चलना ही होगा। आज का अपना गाना भी तो यही कहता है, तुझको चलना होगा। दर्पण चाहे पहचाने या न पहचाने, जीना ही है।<br /><br />@ सम्वेदना के स्वर:<br />सुतरिया जी आपता। माबदौलत थुस हुये। हा हा हा।<br /><br />@ प्रतुल जी:<br />धन्यवाद कवि मित्र, धन्यवाद।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-48379290831181211292010-08-21T23:12:20.785+05:302010-08-21T23:12:20.785+05:30@ अनुराग शर्मा जी:
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सर, जान एक बार तो...@ अनुराग शर्मा जी:<br />-------------<br />सर, जान एक बार तो बच गई, पर कब तक बची रहेगी ये? वैसे भी ये जान भी कोई जान है क्या?<br /><br />@ ताऊ:<br />ताऊ थारा आना ही फ़त्तू के लिये पांच सौ लंबर से कम ना है, आशीर्वाद दिये रहना।<br />राम राम।<br /><br /><br />@ अजीग गुप्ता जी:<br />मैडम, माफ़ी चाहता हूं, सच में मुश्किल आई होगी। एक तो पंजाबी, उसपर थोड़ी तुतलाती आवाज लेकिन चूंकि ये एकदम मौलिक घटना थी, मैंने मौलिकता बरकरार रखना ठीक समझा। आपका विशेष आभारी हूं।<br /><br />@ अन्तर सोहिल:<br />------------<br />अमित, मेरी बात को स्पष्ट करने के लिये धन्यवाद।<br /><br />@ KtheLeo:<br />सरजी, नालायकों के बस्ते भारी होती हैं, अपना भी वही हाल है। खुद मियां फ़जीहत और दूजों को नसीहत देने में अपन एक्सपर्ट हैं।<br /><br /><br />@ दीपक जी:<br />पहली बार पधारने पर आपका शुक्रिया, सर।<br /><br />@ विचार शून्य:<br />अमां, आज तो पूरे सूरमा भोपाली हो रिये हो। और मियां, ऐसे केसे तुम किसी के तकियाकलाम को इस्तेमाल कर रिये हो? अपने साथ हमें भी मरवाओगे, पर कोई बात नहीं मियां देखी जायेगी जेसी बनेगी। हां नहीं तो..।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-44215033498036039952010-08-21T23:03:01.915+05:302010-08-21T23:03:01.915+05:30मजेदार.मजेदार.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-4203347243460696652010-08-21T22:29:50.497+05:302010-08-21T22:29:50.497+05:30पिछली टिप्पणी खारिज... समीर भाई से बड़ा सर्टिफिकेट ...पिछली टिप्पणी खारिज... समीर भाई से बड़ा सर्टिफिकेट देने को बोलना होगा विथ डिस्टिंक्शन... आज तो सचमुच अपने पेट में दर्द होने लगा पहले हिस्से में और दिल में टीस उठी (भले ही वामपंथी मानसिकता हो, इस पोस्ट के लिए तो हम वामपंथी होने को भी तैयार हैं) दूसरे हिस्से में.. याल,मजात मजात में तितने तमाल ती बात कल जाते हो आप... अपने पास तो बस एक ही सर्टिफिकेट है फिलहाल देने को… तुस्सी ग्रेट हो!! खुश कित्तईं!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-40236751045715582962010-08-21T18:51:39.461+05:302010-08-21T18:51:39.461+05:30वो बेलौस ज़िन्दगी खो गई है कहीं।
सच है, दर्पण देख...वो बेलौस ज़िन्दगी खो गई है कहीं।<br /><br />सच है, दर्पण देखते हैं तो स्वयं को पहचान नहीं पाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com