tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post2912227507537781287..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: होता है. होता है...संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-48930494487308095382012-10-04T15:09:16.667+05:302012-10-04T15:09:16.667+05:30बहुत खूब! किस्सा भी और आपके पाठकों की टिप्पणियाँ भ...बहुत खूब! किस्सा भी और आपके पाठकों की टिप्पणियाँ भी - खासकर ये जो 'हाँ नहीं तो' वाली शायराना 'अदा'यगी है, वो आपके दिलचस्प बड़े मियाँ का बड़प्पन बड़ा रही है :) अनूषाhttp://www.uvassociates.in/hindi-blogs-n-articlesnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-34278428124287220292012-10-02T05:02:07.709+05:302012-10-02T05:02:07.709+05:30काश आपका स्टेशन इतनी जल्दी ना आता तो बडे मियां के ...काश आपका स्टेशन इतनी जल्दी ना आता तो बडे मियां के कुछ और किस्से सुनने को मिलते ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-20502327265489052502012-09-22T10:09:14.996+05:302012-09-22T10:09:14.996+05:30ट्रेन से रोज एक ही समय पर यात्रा करने वालों का घर ...ट्रेन से रोज एक ही समय पर यात्रा करने वालों का घर से बाहर का अपना एक अलग ही नाता होता है.आप चाह कर भी इसे कोई नाम नहीं दे सकते.किन्तु इसकी टीस इसका स्मरण सदा ही ह्रदय को जिस भाव से भर जाता है ,वह अकथनीय है.हरिद्वार से देहरादून जाने वाली सुबह की पहली गाडी में देहरादून में पढने वाले ,और नौकरी करने वाले लोगों का अपना ही एक शगल हुआ करता था टाइम पास करने का.उनमे से कई ताश खेलने के इतने धसकी होते थे की ट्रेन में घुसते ही आपस में बिना दुआ सलाम किये ,सीधे पत्ते बांटने लगते थे...........आपके लेख ने उन्ही दिनों की याद ताजा करा दी.सरल भाषा सीधे ही अपना काम कर देती है.बहुत खूब. ज्योतिषाचार्य ललित मोहन कगड़ियाल,,https://www.blogger.com/profile/03756695984315268386noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-22500963931588572602012-09-18T11:53:50.006+05:302012-09-18T11:53:50.006+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-53431581265753840412012-09-18T06:29:32.216+05:302012-09-18T06:29:32.216+05:30हम भी तो यही कहते हैं,सबै दिन होत न एक समाना|
वैसे...हम भी तो यही कहते हैं,सबै दिन होत न एक समाना|<br />वैसे दिन न रहे तो ऐसे दिन भी न रहेंगे, मौक़ा मिलते ही फिर से पकड़ लेंगे हम अपनी लय:) संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-36640544176725522842012-09-17T18:46:21.353+05:302012-09-17T18:46:21.353+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-20219372680762550852012-09-16T16:47:44.064+05:302012-09-16T16:47:44.064+05:30
ਤੁਹਾਡੇ ਇਸ ਸਫ਼ਰ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਜੁੜਦੀ ਮੇਰੀ ਪੰਜਾਬੀ ਕਵਿਤਾ... <br />ਤੁਹਾਡੇ ਇਸ ਸਫ਼ਰ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਜੁੜਦੀ ਮੇਰੀ ਪੰਜਾਬੀ ਕਵਿਤਾ ਹੈ<br /><br />ਚਲਦੇ ਚਲਦੇ ਪਤਾ ਨੀ ਕਿਵੇਂ ਏਕ ਦੋਸਤ ਮਿਲ ਗਿਆ<br />ਉਡਾਰੀ ਦੀ ਜਿੰਦੜੀ ਦਾ ਹਮਸਫ਼ਰ ਮਿਲ ਗਿਆ<br />ਏਹੇ ਜਿੰਦੜੀ ਕਿਸ ਵੇਲੇ ਮੁਕ ਜਾਵੇਂ<br />ਕਦ ਹੋ ਜਾਇਏ ਸ਼ਿਕਾਰ<br /><br />ਜੋ ਕੇ ਤੁਸੀਂ ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਰਹ ਕੇ ਆਏ ਹੋ, ਤਾਂ ਮੈਂ ਵੀ ਪੰਜਾਬਣ ਹਾਂ. ਮੈਂ ਆਪਣੀ ਪੇਲੀ ਪੋਸਟ ਲਿਖੀ ਹੈ. ਤੁਸੀਂ ਤੇ ਅਸੀਂ ਬੈੰਕਿੰਗ ਸੇਕਟਰ ਦੇ ਹਾਂ. ਫਿਰ ਏਕ ਵਾਰ ਬਲੋਗ ਤੇ ਆਉਣ ਦੇ ਕਿਰਪਾ ਕਰੋ<br /><br />ਉਡਾਰੀ ਦੋਸਤੀ ਦੀ !!!!<br /><br /><br />https://udaari.blogspot.in<br />उड़ता पंछीhttps://www.blogger.com/profile/18357081059384896848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-2526625242426878312012-09-16T15:54:40.949+05:302012-09-16T15:54:40.949+05:30आखिर जीवन की गाड़ी है, सवारियों का चढ़ना-उतरना तो ...आखिर जीवन की गाड़ी है, सवारियों का चढ़ना-उतरना तो लग ही रहेगा. यादें रहेंगी और जीवन रहेगा.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-20946350192945573032012-09-16T12:34:52.412+05:302012-09-16T12:34:52.412+05:30हैं नहीं भाई, थे| 'सीप' खेला करते थे...हैं नहीं भाई, थे| 'सीप' खेला करते थे और उसमें भी 'बेगमपकड़' में अपनी रेपुटेशन अच्छी खासी थी|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-67092245232420867222012-09-16T12:34:33.402+05:302012-09-16T12:34:33.402+05:30सफ़र में आईडिये फूटते हैं लेकिन हर दो मिनट में न...सफ़र में आईडिये फूटते हैं लेकिन हर दो मिनट में नए धक्कों से फूट जाते हैं, मेट्रो की पैसेंजरी ऐसी ही है| पोडकास्ट तो अपने बस का बिलकुल नहीं है जी|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-85354428027925607132012-09-16T12:34:11.888+05:302012-09-16T12:34:11.888+05:30हो जाए एकाध किस्सा आपका भी, वैसे अब तो आपकी वीकली ...हो जाए एकाध किस्सा आपका भी, वैसे अब तो आपकी वीकली पैसेंजरी या फिर मंथली पैसेंजरी की वेला चल रही होगी :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-59174811159108170212012-09-16T12:33:52.828+05:302012-09-16T12:33:52.828+05:30और कितना सुधरोगे भाई? ख्वामख्वाह खुद को कोसते रहते...और कितना सुधरोगे भाई? ख्वामख्वाह खुद को कोसते रहते हो हरदम (मेरी तरह) :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-58989118694287526862012-09-16T12:33:29.318+05:302012-09-16T12:33:29.318+05:30अटकना सही भटकना गलत, इसलिए अटके तो सही ही अटके हो...अटकना सही भटकना गलत, इसलिए अटके तो सही ही अटके होवोगे:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-84857615006144198582012-09-16T12:33:05.347+05:302012-09-16T12:33:05.347+05:30धन्यवाद जी|धन्यवाद जी|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-79523461057134653222012-09-16T12:32:20.278+05:302012-09-16T12:32:20.278+05:30हम यही आपके लिए कहते हैं राहुल जी|हम यही आपके लिए कहते हैं राहुल जी|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-86243623750866129272012-09-15T20:59:53.826+05:302012-09-15T20:59:53.826+05:30ठप्प हो चुकी बाबाजी, फायदा ये है की पुरानी ठप्प हो...ठप्प हो चुकी बाबाजी, फायदा ये है की पुरानी ठप्प होगी तभी तो नई बनेगी|<br />बकाये से कौन मुकरता है? हम तो सारी उम्र हाँ भरते रहने को तैयार हैं, तुस्सी खाते किताबें मोटी पतली करते रहो:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-24984732394576852842012-09-15T20:36:04.312+05:302012-09-15T20:36:04.312+05:30पंद्रह दिन की बात है बड़े भाई, फिर सितम्बर हमारे ...पंद्रह दिन की बात है बड़े भाई, फिर सितम्बर हमारे तले होगा|<br />आशीर्वाद कहा करो आप तो हमें|<br />संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-71054150499381392872012-09-15T20:35:12.558+05:302012-09-15T20:35:12.558+05:30अब तो ये भी लग्ज़री लगती है गोरख जी|
अब तो ये भी लग्ज़री लगती है गोरख जी|<br />संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-34638971188163316502012-09-15T20:32:53.775+05:302012-09-15T20:32:53.775+05:30पढवाओ न महाराज, बहुत कुछ मिलता जुलता होगा जरूर|
पढवाओ न महाराज, बहुत कुछ मिलता जुलता होगा जरूर|<br />संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-72040933578310002632012-09-15T20:30:39.385+05:302012-09-15T20:30:39.385+05:30प्रणाम वर्मा साहब|
प्रणाम वर्मा साहब|<br />संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-77377344797403132652012-09-15T20:26:16.608+05:302012-09-15T20:26:16.608+05:30भेरी सैड (वर्तमान शाखा के लिये)!:( ?
हाय अल्लाह,...भेरी सैड (वर्तमान शाखा के लिये)!:( ?<br />हाय अल्लाह, ये दिन भी देखने थे:( वर्तमान शाखा में रिपोर्ट करने के बाद ही सूचना दी थी जी:)<br />रेल का नहीं जी, विक्रम वेताल वाला साथ है :(संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-36919746643873288552012-09-15T20:20:04.125+05:302012-09-15T20:20:04.125+05:30ताश न होती तो अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो करते लेकिन कु...ताश न होती तो अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो करते लेकिन कुछ न कुछ जरूर करते, हमारी गाडी में फिर से चढ़ने के लिए धन्यवाद सरजी:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-80333455211019470222012-09-15T20:19:06.776+05:302012-09-15T20:19:06.776+05:30आपको मजा आया साहब तो हमें भी मजा आया, शुक्रिया आप...आपको मजा आया साहब तो हमें भी मजा आया, शुक्रिया आपका| <br />संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-76345542873080855592012-09-15T20:17:49.628+05:302012-09-15T20:17:49.628+05:30AAP MAHAAN THE, HAIN AUR RAHENGE KAUSHAL BHAI, HAM...AAP MAHAAN THE, HAIN AUR RAHENGE KAUSHAL BHAI, HAM TO GAADI CHHODNE KO TAIYAAR RAHTE HAIN KAAHE SE KI IS UMAR MEN NAI NAUKRI-SHOKRI TO MILNE SE RAHI :) संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-4257708426505789632012-09-14T11:00:21.595+05:302012-09-14T11:00:21.595+05:30पोस्ट लिखते लिखते लगता है कि मंजिल आ गयी थी उतरने...पोस्ट लिखते लिखते लगता है कि मंजिल आ गयी थी उतरने की इसलिए छोटी सी लिखकर ही सरका दी है। बड़े की चाहत है। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com