tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post5292060966684770558..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: अपने परायेसंजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger62125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-47301209279456924792013-04-22T13:08:08.542+05:302013-04-22T13:08:08.542+05:30post padhkar kuch dino tak man sufiyana ho jata ha...post padhkar kuch dino tak man sufiyana ho jata hai.....<br /><br />jai ho.<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-75947271725599467492013-04-20T21:31:35.442+05:302013-04-20T21:31:35.442+05:30कर भला, हो भला.कर भला, हो भला.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-71326042857336023352013-04-19T13:49:24.850+05:302013-04-19T13:49:24.850+05:30मैं अकेला मस्त चलता हं...औऱ कारवां बनता है या नहीं...मैं अकेला मस्त चलता हं...औऱ कारवां बनता है या नहीं...परवाह करता नहीं....यानि हम तो छड़े हैं और मस्त हैं अब तक ..इसलिेए वो चाय तो अपन को मिले न मिले कलम तो चलती रहती है हाहहाहाहा.Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26882336768124190632013-04-19T11:04:43.110+05:302013-04-19T11:04:43.110+05:30कोई सबको अपना मान लेते हैं।
कोई सबको पराया मान कर ...कोई सबको अपना मान लेते हैं।<br />कोई सबको पराया मान कर जीते हैं।<br /><br />कुछ लोग परायों को अपना कर लेते हैं।<br />तो<br />कुछ अपनों को पराया कर देते हैं .....Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-23865851836071745302013-04-19T09:09:20.382+05:302013-04-19T09:09:20.382+05:30lo bolo ham to samjhae they via nepal germany gaye...lo bolo ham to samjhae they via nepal germany gaye they :)रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-86628345686231951062013-04-19T05:12:07.911+05:302013-04-19T05:12:07.911+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26413005601920777552013-04-19T05:00:06.219+05:302013-04-19T05:00:06.219+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-25942023102763294432013-04-19T04:41:30.042+05:302013-04-19T04:41:30.042+05:30बिल्कुल, उनके लिंक पर जाकर ही डाला :)बिल्कुल, उनके लिंक पर जाकर ही डाला :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-78249565535809004992013-04-19T04:40:11.156+05:302013-04-19T04:40:11.156+05:30इसीलिये तो छलकाए जा रहे हैं जी :)इसीलिये तो छलकाए जा रहे हैं जी :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-60597447726133810602013-04-19T04:38:41.004+05:302013-04-19T04:38:41.004+05:30सही लिखा करण थापर जी ने, मुझे भी लगता है कि हमें ’...सही लिखा करण थापर जी ने, मुझे भी लगता है कि हमें ’at par' रहने की आदत नहीं है बल्कि बहुत ज्यादा इन्वोल्व होकर रहने की आदत सी है। दोस्त आपस में कहते हैं - पार्टी दे दे या ले ले और मैं पंजाब के एक शहर में था तो मिनी बस में उसने इसी बात का एक स्टीकर भी लगा रहा था (skipping 'party')संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-25498103025913331812013-04-19T04:31:27.391+05:302013-04-19T04:31:27.391+05:30ये ढूंढना भी कोई ढूंढना है बाबाजी? ढूंढना तो वो था...ये ढूंढना भी कोई ढूंढना है बाबाजी? ढूंढना तो वो था -<br />https://www.youtube.com/watch?v=MCIkNAbW5r4 <br /><br />:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-49121428730777983752013-04-19T04:28:16.570+05:302013-04-19T04:28:16.570+05:30उलझन में मत रहो बाबाजी, शब्द भी आपके ही हैं और भाव...उलझन में मत रहो बाबाजी, शब्द भी आपके ही हैं और भावनायें भी आपकी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-73854473206250735622013-04-19T04:26:28.043+05:302013-04-19T04:26:28.043+05:30कमजोर का जोर अपनों पर ही चलता है सरजी.कमजोर का जोर अपनों पर ही चलता है सरजी.संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-77893029418375468372013-04-19T04:25:08.807+05:302013-04-19T04:25:08.807+05:30स्त्रियों के लिये तो हर घनचक्करी और भी भयंकर होती ...स्त्रियों के लिये तो हर घनचक्करी और भी भयंकर होती है। <br />मार सुट्ट्या वाणी जी :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-32434046313333767222013-04-18T22:39:01.187+05:302013-04-18T22:39:01.187+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-89823388303328371672013-04-18T21:50:02.966+05:302013-04-18T21:50:02.966+05:30एक बार एचटी में करण थापर का एक लेख पढा था जिसमें उ...एक बार एचटी में करण थापर का एक लेख पढा था जिसमें उन्होंने बताया कि मेरे कुछ देशी और विदेशी प्रशंसकों में अंतर यह है कि भारतीय जिसे पसंद करते हैं उस पर अपना अधिकार सा समझने लगते हैं।भारतीय प्रशंसक कोई बात पसंद न आने पर रात को बाहर बजे भी मेरे घर पर फोन कर मुझे डाँट देते हैं कि हमें आपसे ये उम्मीद नहीं थी।मानो वो मेरे घर के सदस्य हैं उन्हें लगता ही नहीं कि मैं बुरा मान जाऊंगा।और अगली बार कुछ लिखा पसंद आ गया तो यही लोग पिछली बातें भूल तारीफ भी खूब कर देते हैं।उन्होंने बताया कि उनकी यही बात मुझे बहुत पसंद है कि भारतीय कोई औपचारिकता का प्रदर्शन नहीं करते।पर आपकी पोस्ट पढ़कर लगता है कि हम जितनी जल्दी किसको अपना बनाते हैं उतनी ही जल्दी पराया भी कर देते हैं।राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-24083679048309557452013-04-18T19:50:15.496+05:302013-04-18T19:50:15.496+05:30दूसरे? कई विद्वान तो अपनों को भी पराया करने के लिय...दूसरे? कई विद्वान तो अपनों को भी पराया करने के लिये ही कमर कसे दिखते हैं - वह देश ऐसा, वह धर्म ऐसा, वह पार्टी ऐसी आदि कहकर हम जाने-अनजाने ही उन्हें भी पराया करते जाते हैं जो कभी पराये थे ही नहीं ... Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-16540383477901005092013-04-18T19:36:45.051+05:302013-04-18T19:36:45.051+05:30ओए मेरी इकलोती टीप गवाच गई, दूंढ के लाओ जी.ओए मेरी इकलोती टीप गवाच गई, दूंढ के लाओ जी.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-3246616568122050892013-04-18T18:51:01.527+05:302013-04-18T18:51:01.527+05:30jaa kae daala kyaa :)jaa kae daala kyaa :)रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-32862922576196113572013-04-18T14:57:56.432+05:302013-04-18T14:57:56.432+05:30:):)Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-23939413283388331772013-04-18T10:53:10.716+05:302013-04-18T10:53:10.716+05:30पोस्ट पर कमेंट्स दें या फिर टीप को पढ़ कर ज्ञान प्...पोस्ट पर कमेंट्स दें या फिर टीप को पढ़ कर ज्ञान प्राप्त कर आभार ज्ञाप्त करें....<br /><br />अपने पराये की इसी उलझन में चल दिया मैं... यही सोच कर कि चलो शब्द पराये ही सही, पर भावनाएं तो अपनी हैं. दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-7940683465177123052013-04-18T10:10:27.479+05:302013-04-18T10:10:27.479+05:30संस्मरण के माध्यम से अच्छा प्रश्न उठाया है। अस...संस्मरण के माध्यम से अच्छा प्रश्न उठाया है। असल में हमने अपने मैं को इतना संकुचित कर लिया है कि वह केवल खुद तक ही सीमित हो गया है। कभी भाषा के माध्यम से हम "मैं" का विस्तार करते हैं और कभी देश के माध्यम से। लेकिन इस चक्कर में दूसरे पराए हो जाते हैं। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-84372935142087541872013-04-18T08:35:23.468+05:302013-04-18T08:35:23.468+05:30धन्यावद शिल्पा जी अपने विचार यहाँ त्यागने के लिए म...धन्यावद शिल्पा जी अपने विचार यहाँ त्यागने के लिए मुझे जरा भी जोर नहीं लगाना पढ़ा। अपने पहले से ही सब कर दिया। (भावार्थ है की आपने मेरे मुहँ की बात छीन ली )VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-37403855161848323592013-04-18T08:29:07.112+05:302013-04-18T08:29:07.112+05:30जीवन के अनेक अनुभव बताते हैं अपने पराये का फर्क , ...जीवन के अनेक अनुभव बताते हैं अपने पराये का फर्क , मगर उस दौर से गुजर जाने के बाद इंसान फिर वही ढूंढता फिरता है ...बड़ी घनचक्करी है इस अपने पराये के प्रश्न में , स्त्रियों के लिए तो और भी भयंकर :) <br /><br />छड्डो , तुसी तो एवे ही टांग अडाते रहो जी भला करण दे वास्ते !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-59759073475749100842013-04-18T04:15:32.728+05:302013-04-18T04:15:32.728+05:30तू तू मैं मैं - वर्चस्व की लड़ाई - अपने पराये - आज...तू तू मैं मैं - वर्चस्व की लड़ाई - अपने पराये - आज दुनिया में सब इसी के बीच पिस कर रह गए हैं | भेद भाव सर्वोत्तम और मानवता गई नाली के रस्ते | सुन्दर शब्दों और भावों से सजाया लेखन | आभार | <br /><br />कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें | <br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://www.facebook.com/tamashaezindagi" rel="nofollow">Tamashaezindagi FB Page</a><br />Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.com