tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post5641631557811353502..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: पैमाने कैसे कैसे? ...संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger59125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-17267719029062418352015-07-30T14:27:03.698+05:302015-07-30T14:27:03.698+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10140090306240052470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-14843990299492401292015-03-18T16:05:00.243+05:302015-03-18T16:05:00.243+05:30बहुत अच्छा लिखते हैं आप बहुत अच्छा लिखते हैं आप Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-65202323318847371632012-07-20T08:31:42.979+05:302012-07-20T08:31:42.979+05:30देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि आपसे कुछ ही पीछे चल रहा...देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि आपसे कुछ ही पीछे चल रहा हूं। <br /><br />नागार्जुन की कविता को लेकर मैंने एक पोस्ट लिखी उससे कोई महीनेभर पहले ही आप भी एक पोस्ट लिख चुके हैं। यह बात अलग है कि आपने एक अलग कोण से क्षमा को उठाया और मैंने अलग... <br /><br />लगता है जल्दी मिलना होगा... :)Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-47315737415775726052012-05-27T14:08:18.758+05:302012-05-27T14:08:18.758+05:30प्रभावशाली और सशक्त प्रस्तुति । आभार ।प्रभावशाली और सशक्त प्रस्तुति । आभार ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26828026710096769012012-05-26T18:54:16.430+05:302012-05-26T18:54:16.430+05:30बिलकुल ठीक कहते हैं देवेन्द्र जी :(बिलकुल ठीक कहते हैं देवेन्द्र जी :(Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-31276593144747287842012-05-26T18:53:36.710+05:302012-05-26T18:53:36.710+05:30१५ दिन तो हो ही रहे होंगे ब्लॉग खोले, और आया तो वह...१५ दिन तो हो ही रहे होंगे ब्लॉग खोले, और आया तो वही, अतिविलम्बित<br />शुतुरमुर्ग होता है न, बहुतायत में होता है और वो स्माइली भी ये वाली बनाता है :-|<br /><br />Ironic yet true:(Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-13187958105762841042012-05-23T18:19:43.390+05:302012-05-23T18:19:43.390+05:30बहुत मुश्किल है कड़वाहटों को झुठला पाना, पर दूसर...बहुत मुश्किल है कड़वाहटों को झुठला पाना, पर दूसरों को देखकर हौसला ज़रूर बंधता है...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-84162161724564783792012-05-21T18:36:55.766+05:302012-05-21T18:36:55.766+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।बहुत सुन्दर प्रस्तुति।Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/08050387303984796866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-91355384773946647022012-05-21T10:33:34.722+05:302012-05-21T10:33:34.722+05:30वैसे एक टिप्पड़ी मई और करना चाहूँगा :-
तुम चाहत ...वैसे एक टिप्पड़ी मई और करना चाहूँगा :- <br /><br />तुम चाहत हो भाईचारा ?? उल्लू हो ?? <br />तुमहू मारो हाथ करारा, उल्लू हो ! <br /><br />कट्टरपंथी से हम तो भाग लिए , <br />तुमहू हो जाओ नौ दो ग्यारह , <br />उल्लू हो , <br /><br />जवान बीवी छोड़ घर में , <br />जाओ न बिदेश , <br />अरे जैसे तैसे करो गुजारा , उल्लू हो ;) <br /><br />शुतुरमुर्गों के के लिए :- <br />डीग्री ले के दर दर तुम भटको न ये भाई, <br />अरे हवा भरो बको गुब्बारा , उल्लू हो :) <br /><br />कहत रहे न पड़ो प्यार के चक्कर में , <br />सुख के हो गए छुहारा , उल्लू हो !कमल कुमार सिंह (नारद )https://www.blogger.com/profile/16086466001361632845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-68081682954036397882012-05-21T10:25:50.916+05:302012-05-21T10:25:50.916+05:30बहुत सुन्दर , बहुत बढ़िया , सब मिला शुतुरमुर्ग की ...बहुत सुन्दर , बहुत बढ़िया , सब मिला शुतुरमुर्ग की अच्छी व्याख्याकमल कुमार सिंह (नारद )https://www.blogger.com/profile/16086466001361632845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-50094639177792613792012-05-19T21:38:43.705+05:302012-05-19T21:38:43.705+05:30हमारे यहाँ ऐसे बहुत से किस्से आज भी जीवित हैं जिनक...हमारे यहाँ ऐसे बहुत से किस्से आज भी जीवित हैं जिनकी शुरुआत इस प्रकार होती है- जब हम पाकिस्तान से आए थे....<br />उस समय बोलड निर्णय लेने की कूव्वत रखने वाले लोगों की कमी नहीं थी. दल दिए गए लेकिन फिर उठ खड़े हुए.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-67626071807317284392012-05-19T10:07:35.114+05:302012-05-19T10:07:35.114+05:30बुरा- भला?
तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय कवि 'महफूज़ ...बुरा- भला?<br />तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय कवि 'महफूज़ अली' की कविता के जर्मनी के पाठ्यक्रम में शामिल होने की खबर न सिर्फ ब्लोग्स पर देखने को मिली, बल्कि उनके ब्लॉग पर 'दैनिक हिन्दुस्तान' समाचार पत्र में इस आशय का समाचार छपने की तस्वीर भी है| अखबार से इस समाचार का स्त्रोत पूछा गया है और जवाब अभी प्रतीक्षित है और शायद प्रतीक्षित ही रहेगा| सम्बंधित जर्मन प्रकाशक से संपर्क करने के बाद पता चला कि उनके यहाँ ऐसा कुछ नहीं छपा है| प्रकाशक के डिटेल्स इस प्रकार हैं -<br />STARK mbH & Co.<br />Bachstr. 2<br />85406 Zolling<br />Tel. 0180 3 179000 Fax 0180 3 179001<br />Handelsregister München HRA78578<br />Geschäftsführer Dr. Detlev Lux<br />info@stark-verlag.de<br />अपने फेसबुक प्रोफाईल पर महफूज़ अली खुद को जिस अंतर्राष्ट्रीय संस्था का चेयरमेन और सी.ई.ओ. बता रहे हैं, उस स्वयंसेवी संस्था में ऐसा कोई पद ही नहीं है और इस नाम का कोई अन्य अधिकारी भी नहीं है| संस्था का विवरण इस प्रकार है -<br />Jana Parejko<br />Mental Health Resource League for Mchenry County (MHRL)<br />info@mhrl.org<br />(815) 385-5745<br />ये सरासर धोखाधड़ी है, हमारे आपके विश्वास के साथ धोखा, हमारी सद्भावनाओं के साथ धोखा| जो नहीं है, खुद की उन उपलब्धियों का बखान खुद करना और दूसरों को धोखे में रखकर औरों से भी अपना महिमामंडन करवाना, कहीं से भी शराफत का काम नहीं है| <br />ब्लोगर्स मीट में, पुरस्कार वितरणों में या किताबें छपने छपवाने में हजारों रुपये खर्च करने वाले आप लोग सौ-पचास रुपये खर्च करके इन फोन नम्बर्स पर संपर्क करके असलियत जान सकते हैं और यदि ये भी मुश्किल है तो ईमेल एड्रेस तो है ही| मेरी विश्वसनीयता संदिग्ध लगे तो आप महफूज़ अली के ब्लॉग से इन प्रकाशक संस्थान और दुसरे संगठन का नाम नोट करके नेट से खुद भी इन नम्बर्स और आई.डी. की जानकारी ले सकते हैं| ब्लॉग और फेसबुक के इनके प्रोफाईल का स्नैप शोट सुरक्षित है, क्योंकि इन्हें बदल दिए जाने की पूरी संभावना है| झूठ के पाँव नहीं होते|<br /> किसी लोभ में या लिहाज में हम लोग इन बातों को नजर अंदाज करते हैं तो ये झूठ के प्रचार प्रसार में हमारी सहभागिता है| फैसला आपके हाथ में है, आपको क्या स्वीकार्य है - छले जाना या सच्चाई को जानना?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-39574455168068582082012-05-19T08:34:20.220+05:302012-05-19T08:34:20.220+05:30अनूप जी, बाल अट्खेली थोडी न जो गाल थपथपाने से काम ...अनूप जी, बाल अट्खेली थोडी न जो गाल थपथपाने से काम चल जाएगा :) पीठ थपथपाएं साहसी पोस्ट को पुख्त आधार मिल जाएगा। :)सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-64216156290097995022012-05-19T08:19:49.260+05:302012-05-19T08:19:49.260+05:30बहुत अच्छा लगा यह पोस्ट पढ़कर। इसके गाल थपथपाने का ...बहुत अच्छा लगा यह पोस्ट पढ़कर। इसके गाल थपथपाने का मन कर रहा है। प्यारी पोस्ट! :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-81773879269613306642012-05-17T11:30:01.193+05:302012-05-17T11:30:01.193+05:30संजय जी हमारी सच्चाई तो वही है पर ऐसे लोगों का बोल...संजय जी हमारी सच्चाई तो वही है पर ऐसे लोगों का बोलवाला कुछ बढ रहा है जो खलनायक को नायक बनाने पर तुले हैं । हर बुरी बात की वकालत करने में मनोविज्ञान व तर्को को घुसाते हैं । समय बेशक बदल रहा है फिर भी आपके चौधरी जी की थोडी सी झलक कहीं कहीं अब भी मिल जाती है और वह आस्था को बचाए रखने काफी लगती है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-4620857582462854712012-05-16T22:23:51.008+05:302012-05-16T22:23:51.008+05:30। ये शांति, सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता भी न गज़ब की ...। ये शांति, सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता भी न गज़ब की चीजें हैं - एकदम से गज़ब तमाशा। <br />sir hai to sab tamaasha hiVIVEK VK JAINhttps://www.blogger.com/profile/15128320767768008022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-76128083552701462052012-05-16T19:40:40.049+05:302012-05-16T19:40:40.049+05:30अगर उनका फूफा अमेरिका कुछ घटबढ़ न करे तब भी ज्यादा...अगर उनका फूफा अमेरिका कुछ घटबढ़ न करे तब भी ज्यादा से ज्यादा ५०-६० साल का पेट्रो-मसाला बचा होगा, उसके बाद? <br />फिर खुदा कौन सा अकेली किसी कौम मजहब का है, हमपे खैर न होगी? और अगर हम आज एलिजिबल नहीं भी हैं तो क्या हुआ. कल को हो जायेंगे, हम भी कल्लेंगे परिवर्तन, विचारधारा परिवर्तन| फिर कम से कम हमारी हर गलती को सही तो ठहराएंगे हमारे बन्दे भी और काफिर भी|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-55589495838333953812012-05-16T19:30:26.685+05:302012-05-16T19:30:26.685+05:30कहाँ माइंड कर रहे हैं, मुझे तो नहीं लगता, दोस्त श...कहाँ माइंड कर रहे हैं, मुझे तो नहीं लगता, दोस्त शूतरमुर्ग सर रेत में धंसा देता है, पर ... पर 'हमलोग' वही वाले हम लोग नून, तेल धनिया में सर घूसा कर रहते हैं, ये हमें सिखाया नहीं गया, मैडम की मेहरबानी से 'हमलोग' सीख गए हैं, .. बच्चे पालने हैं, इंग्लिश की शिक्षा दिलानी है, कल किसी काल सेंटर में एडजेस्ट करना है, अपनी नौकरी बचानी है, कब समय है 'हम लोगों' के पास की दायें बाएं देखे, <br /><br />और आप गुस्ताखी कर रहे थे, इसलिए आपके ही शब्दों को उधार ले कर आपसे ही बोला 'माईंड योर ओन बिजनेस'<br /><br />भैया - जितना भी ध्वंस हो जाए - आज भी पेट्रो डोलर में इतना तो दम है कि कम से कम ३०-४० हिंदी ब्लोग्गरों को पाल सकें, बाकी तो सब 'शर्मसार' (भीड़ - जो तंत्र में बदल जाती है) होकर उनके साथ चलने के लिए सदा तैयार रहते हैं... <br /><br />खुदा खैर करे,दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-90801799383957660862012-05-16T09:23:43.801+05:302012-05-16T09:23:43.801+05:30true ...true ...Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-9073101439654962402012-05-16T08:51:36.490+05:302012-05-16T08:51:36.490+05:30जब तक आप का प्यार मिलता रहेगा, तब तक लिखते रहेंगे ...जब तक आप का प्यार मिलता रहेगा, तब तक लिखते रहेंगे जी|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-15438826914960623982012-05-16T08:49:30.916+05:302012-05-16T08:49:30.916+05:30सही कहा सरकार, जिसने धर्म अपना लिया उसके लिए तो &#...सही कहा सरकार, जिसने धर्म अपना लिया उसके लिए तो 'न कोई बैरी, न ही बेगाना' ध्येय वाक्य हो जाता है|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-53986571716731743722012-05-16T08:45:37.728+05:302012-05-16T08:45:37.728+05:30वही माईंड रहे हैं बाबाजी..वही माईंड रहे हैं बाबाजी..संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-9168918929607437232012-05-16T01:57:44.834+05:302012-05-16T01:57:44.834+05:30Mosam Kaun Ji,
kab tak aap itna bekaar likhte rah...Mosam Kaun Ji,<br /><br />kab tak aap itna bekaar likhte rahenge ji ???Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-34709779371222147712012-05-15T22:04:15.567+05:302012-05-15T22:04:15.567+05:30सापेक्षता का सिद्धांत...बाबा आइन्स्टाइन के पहले अस...सापेक्षता का सिद्धांत...बाबा आइन्स्टाइन के पहले अस्तित्व में था...और उनके निष्पादन के बाद से वैध हैं...निरपेक्षता के लिए धर्म का होना भी तो ज़रूरी है...बन्धु...जिसने धर्म अपना लिया...उसका कोई संप्रदाय या मज़हब नहीं होता...पूरी सृष्टि ही उसे विधाता की देन लगती है...सच को कहने और सुनने के लिए कलेजा चाहिए...खूब कही आपने...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-16581666197686502222012-05-15T14:43:09.624+05:302012-05-15T14:43:09.624+05:30'माईंड योर ओन बिजनेस''माईंड योर ओन बिजनेस'दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.com