tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post7445981631179759807..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: संघी *%गी एक दोसंजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-7336780288403436352015-07-05T16:40:56.095+05:302015-07-05T16:40:56.095+05:30आपकी यह अभिव्यक्ति अनमोल है.
ऐसे ही लेखनी से इस त...आपकी यह अभिव्यक्ति अनमोल है.<br /><br />ऐसे ही लेखनी से इस तिमिर में दीपक जलाते चलिए...Demo Bloghttps://www.blogger.com/profile/13241913006658356301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-62289094375487361642015-06-23T14:29:35.795+05:302015-06-23T14:29:35.795+05:30बहुत सुन्दर ,मन को छूते शब्द ,शुभकामनायें और कुछ अ...बहुत सुन्दर ,मन को छूते शब्द ,शुभकामनायें और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.<br />Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-2732440508403452712015-06-23T09:55:39.643+05:302015-06-23T09:55:39.643+05:30ये बात कुछ ऐसी ही है कि आप का प्यार प्यार और हमारा...ये बात कुछ ऐसी ही है कि आप का प्यार प्यार और हमारा प्यार चक्कर...अगर सब देश से प्रेम करते हैं तो सबकी विचारधारा का सम्मान होना चाहिये...सिर्फ विरोध के लिए विरोध जायज़ नहीं है...ये पक्ष और विपक्ष दोनों को समझना होगा...मीडिया के द्वारा आज जनता को सभी पक्ष सुनने-देखने को मिल जाते हैं...सुन्दर आलेख...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-62754436437456232562015-06-22T19:14:48.610+05:302015-06-22T19:14:48.610+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, नारी शक्ति - ब्लॉ...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2015/06/blog-post_84.html" rel="nofollow"> नारी शक्ति - ब्लॉग बुलेटिन </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-47945146145398004542015-06-22T15:26:42.884+05:302015-06-22T15:26:42.884+05:30सत्य अंत तक सत्य ही बना रहता है. छल -छिद्र के आवरण...सत्य अंत तक सत्य ही बना रहता है. छल -छिद्र के आवरण से आच्छादित हो भी जाए तो देर सवेर तिमिर छंट कर सत्य के सूर्य की रश्मियाँ जगत का मार्ग प्रशस्त करने के अपने कार्य में लग जाती हैं. यदि संघ के कार्य कलाप और मंतव्य ठीक नहीं होते तो अब तक उसका नाम भी लोग भूल गए होते. रही हमलों की बात - तो भाई साहिब जी किसी ने ठीक ही तो कहा है "जितने कष्ट कंटकों में है जिनका जीवन सुमन खिला, गौरव गंध उन्हें उतना ही यत्र तत्र सर्वत्र मिला". मेरी जानकारी में आज तक कोई भी शाखा में इस लिए नहीं जाता की उसे वहां धनोपार्जन का अवसर मिलेगा.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02417717664725567096noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-40507009683520226042015-06-22T09:28:36.991+05:302015-06-22T09:28:36.991+05:30जो ’भक्त’ हैं, किसी और वजह से बेशक उनका मोहभंग हो ...जो ’भक्त’ हैं, किसी और वजह से बेशक उनका मोहभंग हो जाये, इतना तो तय है कि इन व्यंग्यबाणों से आतंकित होकर तो नहीं ही भागेंगे।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-11827352001676635662015-06-21T22:35:00.669+05:302015-06-21T22:35:00.669+05:30accha likha hai...accha likha hai...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com