tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post8152753072321957286..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: बिछड़े सभी बारी बारी-४संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger46125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-21635522003335694122019-07-25T09:14:17.211+05:302019-07-25T09:14:17.211+05:30वो दिन अब ना रहे
वो दिन अब ना रहे <br />खरसूपhttps://www.blogger.com/profile/07770444742341857753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-89764322448048802472018-07-31T01:01:54.578+05:302018-07-31T01:01:54.578+05:30आठ साल बाद अपनी भी हाजिरी लग गई है... झिलमिल गुफा ...आठ साल बाद अपनी भी हाजिरी लग गई है... झिलमिल गुफा का एक परोगराम और बनाइए ना... Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-56831261578228402982013-07-05T07:20:56.689+05:302013-07-05T07:20:56.689+05:30धीरे धीरे पूरी कहानी पढ़ ही गया ..शाबाश बांधे रखने...धीरे धीरे पूरी कहानी पढ़ ही गया ..शाबाश बांधे रखने को !!<br /><br />यह भोला आजकल कहाँ है , जबरदस्त करेक्टर है !<br />शुभकामनायें !<br />Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-49377271448256131372013-07-04T18:43:12.176+05:302013-07-04T18:43:12.176+05:30बहुत सुन्दर.आनंददायक. समझ तो पहले से थी परन्तु ...बहुत सुन्दर.आनंददायक. समझ तो पहले से थी परन्तु यह कटु सत्य है कि "बहुत ज्यादा सुविधाओं के आदी होकर सच में हम इनके गुलाम हो जाते हैं" P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-64067233465921255952013-07-04T05:50:19.244+05:302013-07-04T05:50:19.244+05:30आख़िरी रोटी याद रखने वाले विरले ही होते हैंआख़िरी रोटी याद रखने वाले विरले ही होते हैंKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-49420644926293284232010-09-28T22:53:49.309+05:302010-09-28T22:53:49.309+05:30vilakshan aur asadharan lekhan shailee ........
it...vilakshan aur asadharan lekhan shailee ........<br />its a real pleasure to read your post......<br />Amazing.......charecterization.........Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-89797563035774454782010-09-22T06:21:03.282+05:302010-09-22T06:21:03.282+05:30बन्दे को तिब्बत ले जाते तो सारे चीनी भाग गये होते!...बन्दे को तिब्बत ले जाते तो सारे चीनी भाग गये होते!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-82100854597238028832010-09-21T20:58:23.144+05:302010-09-21T20:58:23.144+05:30@ दीपक मशाल:
क्या बात है यार, उधर महफ़ूज़ कहीं उलझ...@ दीपक मशाल:<br />क्या बात है यार, उधर महफ़ूज़ कहीं उलझे हैं, इधर तुम कहीं फ़ंसे हो। लगता है अपना <a href="http://mosamkaun.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html" rel="nofollow">मिडास टच</a> अभी फ़ेल नहीं हुआ। नाराजगी कमेंट के कारण नहीं होगी, अगर अपने लायक कुछ हो और नहीं बताओगे तो नाराज होने का पूरा हक रखता हूँ। <br /><br />@ शिव कुमार मिश्र जी:<br />शिव भैया, सब ठीक है जो आपने लिखा है, बस आखिरी लाईन पर ऐतराज है। आपको ठीक भर लग जाये, बहुतसंजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-72326089840898502222010-09-21T20:44:02.645+05:302010-09-21T20:44:02.645+05:30@ Udan Tashtari:
समीर सर, आपका शुक्रिया।
@ राजभाष...@ Udan Tashtari:<br />समीर सर, आपका शुक्रिया।<br /><br />@ राजभाषा हिन्दी:<br />मेरा योगदान? अच्छा जी..!!<br /><br />@ अविनाश चन्द्र:<br />ओये निक्के भाई, मैं सुधरना चाहूँ थोड़ा सा तो तुम जैसे नहीं होने देते। जा, नहीं सुधरेंगे - अब तो खुश?<br /><br />@ नीरज गोस्वामी जी:<br />नीरज साहब, ऐ गल्ल है जी चार-पंज साल पुरानी, उस टैम असी ऐ कम्प्यूट्र, मोबाईल जई बीमारियां तों बचे होये सी। बड़ा लुत्फ़ सी जी उस टम विच्च। मेहरबानी त्वाडी, संभालदे रहंदे हो साड्डे ज्यां नूं।<br /><br />@ प्रतुल जी:<br />ठीक है जी, वायदे के अनुसार आपने पुल बांध दिया। अब मौका देखकर मैं आपके कसीदे काढ़्ता हूँ किसी दिन। यार इतना भी मत चढ़ाओ, मैं चढ़ ही जाऊंगा फ़िर।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-35290778543073426982010-09-21T16:16:04.393+05:302010-09-21T16:16:04.393+05:30भाई साहब, आपके भोला की जय हो!
क्या-क्या वाकये हैं ...भाई साहब, आपके भोला की जय हो!<br />क्या-क्या वाकये हैं जी. वाह ही वाह.<br />और गाना, ये मेरा बहुत ही फेवरिट गाना है. तलत साहब के बाद जो लाइन मन्ना दा गाते हैं...ओये होए होए.<br />संजय भाई जिंदाबादShivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-57917733654919602452010-09-21T11:56:34.668+05:302010-09-21T11:56:34.668+05:30कुछ फंसा हुआ हूँ भाई जी.. बाद में आके सब पढ़ता हूँ...कुछ फंसा हुआ हूँ भाई जी.. बाद में आके सब पढ़ता हूँ.. पता है आप नाराज़ नहीं होंगे.. :)दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-5140553902069814052010-09-21T11:34:42.266+05:302010-09-21T11:34:42.266+05:30पिछड़े सभी बारी-बारी.
जितने भी ब्लोगर-महात्माओं क...पिछड़े सभी बारी-बारी. <br />जितने भी ब्लोगर-महात्माओं के तम्बू गड़े हैं. <br />सबसे ज्यादा भीड़ आप समेटने लगे हैं. <br />लगता है ब्लोगर्स को सबसे कम्फर्टेबल यहाँ लगता है. <br />संस्मरण-सभा तो हो ही रही है. <br />फत्तू-फेन [पंखे] भी काफी तेज़ हवा देता है. <br />पुराने सदाबहार नगमों के रिकोर्ड की भी बेहतरीन व्यवस्था की हुई है. <br />मन कहीं और भागे तो भागे कैसे? <br /><br />ऐसे हालात में मेहनतकाश ब्लोगर्स के तम्बू खाली हुए जा रहे हैं. <br />पिछड़े सभी बारी-बारी.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-37340854980428447972010-09-21T11:23:49.839+05:302010-09-21T11:23:49.839+05:30बाउजी कमाल कर दित्ता तुसी...नीलकंठ पार्वती मंदिर त...बाउजी कमाल कर दित्ता तुसी...नीलकंठ पार्वती मंदिर ते झिलमिल गुफा दी यात्रा कर के स्वाद आ गया...त्वाडे लेखन दा जवाब नहीं...पामोलिव तो वि वधिया है...इक अद्धी फोटो शोटो वि ला देंदे तो मज़ा दुगना हो जाना सी...कोई गल नहीं अगली वारि सही...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-29022137800553709042010-09-21T10:44:09.881+05:302010-09-21T10:44:09.881+05:30भोला अपनी फ़ोर्मल ड्रेस में चल पड़े, नीलकंठ महादेव...भोला अपनी फ़ोर्मल ड्रेस में चल पड़े, नीलकंठ महादेव के दर्शन को... जय भोला महाराज की :)<br />बहुत ज्यादा सुविधाओं के आदी होकर सच में हम इनके गुलाम हो जाते हैं।....सच कहा, खरा खरा और ये सच मीठा भी है.<br />कछुए की तरह उठाया भोला साहब को, ये सही था :)<br /><br />आपकी सेना अच्छी है संजय जी.<br />फत्तू साहब को आज शुक्रिया, कुछ गुर सीखा गए आज तो :)<br /><br />आज तो मन निकुंज-निकुंज हो गया :), गाना मेरा all time favorite है. :)<br /><br />पर संजय जी एक सवाल है छोटा सा, नाराज़ हैं आप? ३ लाइना कमेन्ट में ३ बार आप/आपका लिख गए. कल तक तो मैं तुम/अविनाश/प्रिय अविनाश ही हुआ करता था न :)<br />कुछ नहीं लिखते तो भी चलता...<br />माफी वाफी माँगने में बहुत तेज हूँ मैं, शिकायत दर्ज करिए, कान खींचने हो तो वो भी हाज़िर हैं... :)Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-5710340777924887872010-09-21T09:52:02.156+05:302010-09-21T09:52:02.156+05:30@ ktheLeo:
मजा आया आपको, शुक्रिया सर।
@ सम्वेदना ...@ ktheLeo:<br />मजा आया आपको, शुक्रिया सर।<br /><br />@ सम्वेदना के स्वर:<br />ना सरजी, हमें तो वही मोगैम्बो वाली हँसी चाहिये, मजाक था तो मजाक में ही लीजिये। रही बात जुमला हुकूक वाली तो हमने बहुत पहले संबंधित ब्लॉग पर एक कमेंट में चेतावनी दे दी थी कि कॉपीराईट\पेटेंट करवा लें जल्दी से, नहीं मानता कोई तो न माने, अपनी फ़र्ज़अदायगी का फ़र्ज़ पूरा है। कहिये आप भी, मिलकर मुकदमा झेल लेंगे(हमपेशा तो हैं, हममुकादम(हा हा हा, पता नहीं सही शब्द है या नहीं) भी बन जायेंगे।<br /><br />@ महफ़ूज़ अली:<br />क्या बात हो गई महफ़ूज़ भाई? कुछ अपने लायक हो तो बताना, वैसे यकीन है तुम पर कि सक्षम हो।<br /><br />@ boletobindas:<br />शुक्रिया रोहित जी। मेरा ख्याल है अगले साल दिल्ली से एक बस भरके ब्लॉगर्स चल सकेंगे। तब तक अपन भी शायद पहुँच ही जायें दिल्ली।<br /><br />@ अदा जी:<br />लगभग सही पहचाना है जी आपने, दर्दनाक को दर्दकान कर लें बस, हाँ नहीं तो..!!संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-51336722198430504582010-09-21T08:14:19.841+05:302010-09-21T08:14:19.841+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्र...<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/blog-post_21.html" rel="nofollow"> मराठी कविता के सशक्त हस्ताक्षर कुसुमाग्रज से एक परिचय, राजभाषा हिन्दी पर अरुण राय की प्रस्तुति, पधारें</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-23819781671423543392010-09-21T07:52:31.758+05:302010-09-21T07:52:31.758+05:30एक श्ब्द में कहें तो गजब!एक श्ब्द में कहें तो गजब!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-40602378490810549032010-09-21T06:41:42.923+05:302010-09-21T06:41:42.923+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-39269987478665161492010-09-21T03:54:56.854+05:302010-09-21T03:54:56.854+05:30हाहाहाहा गजब यार। नीलकंठ महादेव तक तो हम भी गए थे ...हाहाहाहा गजब यार। नीलकंठ महादेव तक तो हम भी गए थे पर झिलमिल गुफा का नाम नहीं सुना था। साथ में बुआ जी थी और दो दिन बाद ऑफिस .....खैर अबकी बारिश निकल जाए तो फिर जाते हैं। वैष्णों देवी माता के मंदिर के साथ भैरों बाबा के हर बार दर्शन किए हैं। भाया भोला जैसा पात्र जो साथ निभाए मिलना भी आसान नहीं है। दोस्त कैसे भी हों दोस्त होते हैं। आपने जो जैसा है वैसा लिखने का प्रयास किया है बेहद ही अच्छा और खूबसूरत है।Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-39032143399608320182010-09-20T23:55:53.974+05:302010-09-20T23:55:53.974+05:30फिलहाल अभी बहुत बड़े इमोशनल ट्रौमा से बाहर निकला ...फिलहाल अभी बहुत बड़े इमोशनल ट्रौमा से बाहर निकला हूँ.... मैं इत्मीनान से पढ़ता हूँ... इसे सुबह... कई बार नेग्लिजेंस आपको बहुत परेशान कर देती है.... मैं कल पढ़ता हूँ इसे... सुबह सुबह ....फ्रेश माइंड से... ..डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-14665129847355672062010-09-20T22:35:41.294+05:302010-09-20T22:35:41.294+05:30हा हा हा!!! ये मुगैम्बो वाली हँसी नहीं है..खिसियान...हा हा हा!!! ये मुगैम्बो वाली हँसी नहीं है..खिसियानी हँसी है, जो चला रहा के कारण पैदा हुई है...अच्छा मज़ाक कर लेते हो..(हाँ नहीं तो, नहीं कहूँगा..इसका जुमला हुकूक मेरे पास नहीं है)..सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-4041907421044179852010-09-20T21:34:56.110+05:302010-09-20T21:34:56.110+05:30मज़ा आया पढ कर!मज़ा आया पढ कर!ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-42373113520102963722010-09-20T20:39:20.639+05:302010-09-20T20:39:20.639+05:30@ ताऊ रामपुरिया:
ताऊ, थारे ब्लॉग पर लगी फ़ोटो....ह...@ ताऊ रामपुरिया:<br />ताऊ, थारे ब्लॉग पर लगी फ़ोटो....हा हा हा<br />रामराम।<br /><br />@ SKT:<br />त्यागी साहब, टैलीपैथी पर यकीन करते हैं आप? कई दिनों के बाद आज दोपहर आपके ब्लॉग पर गया था, और कमेंट करने से पहले पिछली रह गई पोस्ट्स पढ़ने में लग गया था। और आज आप भी यहाँ, शुक्रिया।<br /><br />@ सम्वेदना के स्वर:<br />चैतन्य सर, रोमांटिक में टाईपिंग मिस्टेक नहीं समझूँगा, बल्कि ’साथ साथ ही चला रहा हूँ’ में भी टाईपिंग मिस्टेक नहीं मानूँगा :) बुरा मत मानियेगा, मज़ाक कर लेता हूँ। आपका आभारी हूँ।<br /> <br />@ बेचैन आत्मा:<br />देवेन्द्र जी, भोला जैसे पात्र हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, लेकिन अगर इस पोस्ट में आपको ऐसा लगा कि उसका मखौल बनाया है तो मेरी लिखने में कमी है। कोशिश तो यही दिखाने की थी कि एकदम अभाव में रहने वाले आदमी की मानसिकता कैसी होती है। आपका आभार कि अपनी बहुमूल्य राय से अवगत कराया।<br /><br />@ धीरू सिंह जी:<br />धन्यवाद जी, आपने भी तो अयोध्या घुमाया और रामलला के दर्शन करवाये।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-17520173303105080112010-09-20T20:15:30.027+05:302010-09-20T20:15:30.027+05:30हमारी भी यात्रा करवा दी आपने .वह भी मज़ेदार और बिन...हमारी भी यात्रा करवा दी आपने .वह भी मज़ेदार और बिना थके . <br />बुजुर्ग की बात मे दम है . और फ़त्तू हमेशा की तरह भोला ही हैdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-88867043553511530112010-09-20T19:33:22.643+05:302010-09-20T19:33:22.643+05:30यात्रा वर्णन काफी रोचक है। भोला न होता तो ऊब जाते....यात्रा वर्णन काफी रोचक है। भोला न होता तो ऊब जाते...यात्रा में भी, लेख में भी..एक बात समझ में नहीं आती कि भोला जैसे पात्रों की कितनी जरूरत होती है जिंदगी में लेकिन हम हैं कि उसका माखौल उड़ाते रहते हैं। <br />यात्रा के बीच में 'सूखी रोटी' साझा करने के लिए आभार।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com