tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post8952553729253762314..comments2023-12-21T16:22:10.490+05:30Comments on मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?: A confession - बस ये जानना और बाकी था....संजय @ मो सम कौन...http://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-84906521007842555742010-08-12T01:40:01.654+05:302010-08-12T01:40:01.654+05:30@ शिव कुमार मिश्रा जी:
शिव भैय़ा, एकदम सही बात कह ...@ शिव कुमार मिश्रा जी:<br />शिव भैय़ा, एकदम सही बात कह रहे हैं। पहले मनचाहा कर लेना और फ़िर हृदय परिवर्तन कर लेना, इससे सस्ता, सुंदर और टिकाऊ कोई उपाय नहीं है।<br /><br /><br />@ राहुल सिंह जी:<br />स्वागत है सर।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-77499745299922861272010-08-11T21:38:51.974+05:302010-08-11T21:38:51.974+05:30वाह क्या पोस्ट है, जो अपने जैसी ही रोचक टिप्पणि...वाह क्या पोस्ट है, जो अपने जैसी ही रोचक टिप्पणियां करा ले रही है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-8935181673260257252010-08-11T18:41:19.102+05:302010-08-11T18:41:19.102+05:30भाई पाला तो हाल ही में और लोगों ने बदला है. अब समस...भाई पाला तो हाल ही में और लोगों ने बदला है. अब समस्या यह है कि पला बदलते ही लोग उन्हें महान बता रहे हैं. उनको सजा नहीं होगी. आपका हीरो तो बलात्कार में फंसा है यहाँ तो भाई हत्या का मामला है. लेकिन क्या करेंगे? पला बदलते समय उन्होंने कह दिया कि उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया. अब हो गया ओ हो गया. बाकी भोग रहे हैं वे मलाई की कटोरी संभाले बैठे हैं.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-31047493453577643732010-08-10T20:09:49.669+05:302010-08-10T20:09:49.669+05:30@ विचारशून्य:
दीप, तुमसे ऐसे ही जवाब की आशा थी। धन...@ विचारशून्य:<br />दीप, तुमसे ऐसे ही जवाब की आशा थी। धन्यवाद।<br /><br />@ ललित शर्मा जी,<br />फ़ौजी साब, आप रागणी की बात करौ सौ. मन्नै तो आल्हा का ब्योंत दीखे सै। रागणी का उधार बाकी। पधारने का शुक्रिया।<br /><br />@ नीरज जी:<br />नीरज साहब, काव्योचित टिप्पणी के लिये आभार आपका।<br /><br />@ निरंजन मिश्र जी:<br />स्वागत है जी आपका। मुहूर्त के समय ही क्यों,हरदम याद करेंगे जनाब। धन्यवाद।<br /><br />@ पं. डी,के,शर्मा ’वत्स; जी:<br />कट-पेस्टिय प्रतिटिप्पणी :)<br />स्वागत है जी आपका। मुहूर्त के समय ही क्यों,हरदम याद करेंगे जनाब। धन्यवाद।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-28845185369624710672010-08-10T19:54:40.150+05:302010-08-10T19:54:40.150+05:30कट-पेस्टिय टिप्पणी :)
वाह्! क्या जमाल है...ओह्! स...कट-पेस्टिय टिप्पणी :)<br /><br />वाह्! क्या जमाल है...ओह्! सोरी..क्या कमाल है! क्या कहानी है, क्या कहानीकार है, क्या गीतकार है,क्या एक्टर है...वगैरह..वगैरह..वगैरह<br />वैसे कहानी में तो नहीं..हाँ फिल्म में कुछ मदद जरूर कर सकते हैं...मुहूर्त के समय याद कर लीजिएगा :)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-9459464016160858792010-08-10T19:50:27.003+05:302010-08-10T19:50:27.003+05:30वाह्! क्या जमाल है...ओह्! सोरी..क्या कमाल है! क्या...वाह्! क्या जमाल है...ओह्! सोरी..क्या कमाल है! क्या कहानी है, क्या कहानीकार है, क्या गीतकार है,क्या एक्टर है...वगैरह..वगैरह..वगैरह<br />वैसे कहानी में तो नहीं..हाँ फिल्म में कुछ मदद जरूर कर सकते हैं...मुहूर्त के समय याद कर लीजिएगा :)Niranjan Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08597819389525467318noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-11233358432209706292010-08-10T10:38:41.254+05:302010-08-10T10:38:41.254+05:30बलात्कारी को जैसा लगे वैसा करे क्यूँ की सजा देने स...बलात्कारी को जैसा लगे वैसा करे क्यूँ की सजा देने से या माफ़ कर देने से बलात्कार होने कोई बंद होते हैं क्या ?...सजाएं या माफियाँ इन हरकतों पर कोई असर नहीं डालती...असर उन पर होता है जो काम सोच समझ कर किये जाएँ लेकिन जो काम उद्वेलित हो कर किये जाते हैं वो किये गए जुर्म के फैसलों से बेअसर रहते हैं...<br />फत्तू भाई जोर का बंदा है..<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-72212335486945806702010-08-10T09:43:22.381+05:302010-08-10T09:43:22.381+05:30“रै बौअले, किसै के बताण की जरूरतै न पड़ती, तेरे ज...“रै बौअले, किसै के बताण की जरूरतै न पड़ती, तेरे जिसेयां के लच्णछ आप ही बता दें सैं।”<br /><br />ताऊ तो गजब की बात कह ग्या-बावळां की पिछाण उसकै मैजान का माणस ही कर सकै सै।<br /><br />एकाध रागणी सुणवा दे आगली पोस्ट म्हे।<br />अमित जी ने सुणवा दई थी इब थारा लम्बर सै।<br /><br />हा हा हा<br />राम राम भाईब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-2516796014447794302010-08-10T08:41:20.216+05:302010-08-10T08:41:20.216+05:30मामला अदालत में लंबित यानि कि लम्बा पड़ा है तो भला...मामला अदालत में लंबित यानि कि लम्बा पड़ा है तो भला हम अपना फैसला कैसे दे दें? वैसे अदालत 'अपने राम' कि होती तो दोषी को सजा जरुर मिलती क्योंकि 'अपने राम' तो यही समझते हैं कि सजा सिर्फ दोषी के लिए नहीं बल्कि अपराध कि ओर आकर्षित होने वाले के लिए भी जरुरी होती है.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-75332057944514076642010-08-10T00:14:37.107+05:302010-08-10T00:14:37.107+05:30@ अली साहब:
आज तो आपने भी कोई राह नहीं सुझाई, खैर ...@ अली साहब:<br />आज तो आपने भी कोई राह नहीं सुझाई, खैर सिच्युएशन को काम्पलैक्स तो माना आपने भी, शुक्रिया।<br /><br />@ अमित जी व पूनम जी:<br />राय देने के लिये आपका आभारी।<br /><br />@ निर्मला कपिला मैडम:<br />जी आया नूं, मैडम जी।<br /><br />@ अंशुमाला जी:<br />बहुत बढ़िया लगी जी प्लानिंग आपकी, बस ये हमारा जाकर लौटना नहीं होना है जी, चले गये तो चले गये। आपका वोट भी गोदियाल जी वाली साईड ही है।<br /><br />@ समीर सर जी:<br />जैसे हम, वैसे हमारे सगे। सरजी, इश्टोरी तो कंपलीट होनी ही थी, आप गाने शाने तैयार रखो जी। मुद्दे से कन्नी काट गये, हमें गानों की लॉलीपॉप देकर, हा हा हा।<br /><br />@ मिथिलेश दुबे:<br />तुम तो भैया बात पकड़ गये तो बोले बिना रहोगे ही नहीं, देख लेना।<br /><br />@ ताऊ रामपुरिया:<br />ताऊ, मन्नै तो कहानी माड़ी और झोल तगड़ा लगे था, अर थम न सुधारोगे, संभालोगे भतीजे की बिगड़ी तो और कुण सा सुधारैगा?<br /> <br />@ धीरू सिंह जी:<br />भाई ही, हमारी नहीं तो कम से कम अपनी पर्सनैल्टी का ध्यान रखना था न काम चुनते समय।<br /><br />@ हेम पाण्डेय जी:<br />पाण्डेय साहब, छ: महीने तो मुझे हो गये ये ड्रामा देखते हुये।<br /><br />@ प्रवीण पाण्डेय जी:<br />करनी भरनी यहीं है सरजी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-57250107555207134532010-08-09T21:40:26.927+05:302010-08-09T21:40:26.927+05:30राजकपूर जी की दिखा देने की विधा तो अप्रतिम थी।राजकपूर जी की दिखा देने की विधा तो अप्रतिम थी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-77170766587586742942010-08-09T20:54:07.775+05:302010-08-09T20:54:07.775+05:30मन्ना डे का एक अनसुना गीत सुनवाने के लिए धन्यवाद....मन्ना डे का एक अनसुना गीत सुनवाने के लिए धन्यवाद.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-34112843486023375872010-08-09T20:49:23.917+05:302010-08-09T20:49:23.917+05:30यह घटना टी वी चैनलों को हफ्ते भर का मसाला दे जाये...यह घटना टी वी चैनलों को हफ्ते भर का मसाला दे जायेगी.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-36437174997191785922010-08-09T20:09:35.547+05:302010-08-09T20:09:35.547+05:30जब इश्टोरी भटक गयी तो हमे परेशान कर रहे हो शुरु मे...जब इश्टोरी भटक गयी तो हमे परेशान कर रहे हो शुरु में नही पूछा हमे . कोई बात नही बताने वाले बतायेंगे इसका हल ......... <br />गीतकार मिल ही गये है स्पाट बाय का काम मै करुंगाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-69856533170567138612010-08-09T20:08:35.566+05:302010-08-09T20:08:35.566+05:30भाई कहानी तगडी दिखै सै पर मन्नै एक जगह माडा सा झोल...भाई कहानी तगडी दिखै सै पर मन्नै एक जगह माडा सा झोल दिखै सै. तैं बोलैगा त मैं सुधार सकू सूं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-57699765509686121382010-08-09T18:36:18.785+05:302010-08-09T18:36:18.785+05:30मैं ना बोलूगां मैं ना बोलूगां मैं ना बोलूगां मैं न...मैं ना बोलूगां मैं ना बोलूगां मैं ना बोलूगां मैं ना बोलूगां............Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-84430031419266256792010-08-09T17:59:06.613+05:302010-08-09T17:59:06.613+05:30अगर समझो जेल हो गई...तो जेल जाते समय का भी बहुत भा...अगर समझो जेल हो गई...तो जेल जाते समय का भी बहुत भावुक गाना लिख कर दूँगा...जनता की आँख नम कर देने वाला..पक्का!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-3314069100137291852010-08-09T17:53:25.377+05:302010-08-09T17:53:25.377+05:30इतने बड़े बड़े जोधा लगे हैं कि स्टोरी तो खैर कम्पल...इतने बड़े बड़े जोधा लगे हैं कि स्टोरी तो खैर कम्पलीट हो ही जायेगी..हम तो बस इत्ता चाहते हैं कि गाना लिखने का काम हमें दे देना...ढिन्चाक लिख कर देंगे स्क्रिप्ट के हिसाब से...फ्लैश बैक( वो १७-१८ साल पहले की घटना) भी गाने में ही ले जायेगे. :)<br /><br /><br />बेचारा फत्तु..गांव से इत्ती दूर आकर भी पहचाना गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-11687496518791175112010-08-09T15:30:56.905+05:302010-08-09T15:30:56.905+05:30सॉरी संजय जी आप का रोल थोडा छोटा हो गया पर रोल को ...सॉरी संजय जी आप का रोल थोडा छोटा हो गया पर रोल को बढाया जा सकता है की आप उस विलेन के जुड़वा हीरो भाई के रूप में वापस आ सकते है तो हर समय हिरोईन का साथ देता है और अंत में उससे शादी कर लेता है | कहिए कैसी लगी|anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-26769405532220218912010-08-09T15:27:14.131+05:302010-08-09T15:27:14.131+05:30जी मै तो गोदियाल जी से सहमत हु पर कहानी यही ख़त्म ...जी मै तो गोदियाल जी से सहमत हु पर कहानी यही ख़त्म नहीं होती है हिरोईन तो हंटरवाली निकली वही पर बलात्कारी को मार दिया थाने जा कर जुर्म भी कबूल कर लिया खबर मीडिया तक पहुची समूचे देश के लिए रातो रात हीरो बन गई और आसानी से जमानत मिल गई एक राजनितिक पार्टी ने मौके का फायदा उठाया उन्हें चुनाव में खड़ा कर दिया अपने साहस की कहानी के बल पर चुनाव जित भी गई उनकी लोकप्रियता देख फिर उस राजनितिक दल के सुप्रीमो ने उन्हें अपना वारिस बना दिया और अंत में खुद की रक्षा करते हुए किसी की हत्या करने के तर्क पर बाइज्जत बरी भी हो गई |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-34708947569961995742010-08-09T13:00:46.194+05:302010-08-09T13:00:46.194+05:30बिलकुल सही कहा ताऊ ने। आभार।बिलकुल सही कहा ताऊ ने। आभार।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-50565670546332692782010-08-09T12:51:20.333+05:302010-08-09T12:51:20.333+05:30main sohil ji ki baat ka samarthan karti hun.kbhi ...main sohil ji ki baat ka samarthan karti hun.kbhi vo din jaroor aata hai jab apradhi ki antaratma der -saber jag uthti par isase uke dwara kiya gaya apraadh chhamy nahi ho jaata.isi liye shyad kisi ne kaha hai ki -----<br /> ab pachhtaye hoy ka,<br /> jab chidiya chung gai khet.<br /> poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-37173134519442093302010-08-09T11:24:55.281+05:302010-08-09T11:24:55.281+05:30जुर्म के बाद अपराधी की अन्तरात्मा जरूर कचोटती/धिक्...जुर्म के बाद अपराधी की अन्तरात्मा जरूर कचोटती/धिक्कारती है। अब कोई उसकी सुनकर हृदय-परिवर्तन करके अपना अपराध कबूल भी करले, लेकिन अपराध तो उसने किया ही है। सजा तो मिलनी ही चाहिये।<br /><br />बेचारा फत्तू क्या करे शक्ल ही ऐसी है। किसी के बताने की जरूरत ही नही कि वो बावलीबूच है।<br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-44546571636517644782010-08-09T06:35:53.250+05:302010-08-09T06:35:53.250+05:30आज प्रतिक्रिया भी यू टर्न की तर्ज़ पर सत्यकथा ...
...आज प्रतिक्रिया भी यू टर्न की तर्ज़ पर सत्यकथा ...<br /><br />यहां वर्षों पहले सामूहिक अपकृत्य की घटना के बाद कोर्ट कचहरी के दौरे दौरा में , आरोपियों में से एक नें अपना अपराध स्वीकार कर लिया और उस लड़की से विवाह कर लिया ! अब वे दोनों शासकीय सेवा में हैं और उनके बच्चे बालिग हो चुके हैं ! <br /><br />पर समाज भी अजीब है ...छिछोरे अब भी उस सुन्दर स्त्री को लोलुप निगाहों से देखते हैं गोया वो व्यभिचारिणी थी और अब भी सर्व सुलभ होगी ! शेष साथियों की फीलिंग्स क्या है ? पता नहीं ? पर वे रास्ते में नहीं हैं ! कैसे तय करें कि सजा किसको मिली और किसके साथ न्याय हुआ ? <br />बड़ी ही काम्प्लेक्स सिचुएशन है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8140631366854578091.post-91521914225650080172010-08-09T00:20:45.299+05:302010-08-09T00:20:45.299+05:30:):)सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.com